दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा को बड़ा झटका, कोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में कानून मंत्री कपिल मिश्रा को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आज मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में कथित भूमिका के संबंध में कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच के निर्देश दिए।

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से पेश की गई सामग्री के आधार पर उनकी उपस्थिति कर्दमपुरी के इलाके में थी, पहली नजर में यह एक संज्ञेय अपराध पाया गया। मामले में आगे की जांच की जानी चाहिए।

इससे पहले, अदालत ने फरवरी 2020 के दंगा मामले में भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी की मांग करने वाली याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने सोमवार को अभियोजन पक्ष, शिकायतकर्ता और कपिल मिश्रा के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद एक अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रखा।

मिश्रा को फंसाने के लिए बनाई जा रही थी योजना- पुलिस

मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया था कि कपिल मिश्रा पर दोष मढ़ने के लिए एक योजना बनाई जा रही थी। विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने तर्क दिया था कि दंगों के पीछे की बड़ी साजिश में कपिल मिश्रा की भूमिका की पहले ही जांच की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि DPSG (दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट समूह) की चैट से पता चलता है कि चक्का जाम की योजना पहले से ही बना ली गई थी। याचिका में यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा, दयालपुर के तत्कालीन एसएचओ, भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान तथा सतपाल सहित पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी।

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