सर सैयद अहमद खान ने सात छात्र और 700 रुपये के मासिक बजट से 24 मई 1875 को सैन्य छावनी की 74 एकड़ जमीन पर मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। 1918 में सर सैयद की मृत्यु के 22 साल बाद यही कॉलेज 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ। आज इस विश्वविद्यालय में 300 कोर्स संचालित होते हैं। 30 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। दुनिया के 110 देशों में इसके छात्र फैले हुए हैं।
एएमयू के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी और विवि पर 32 किताबें लिख चुके डॉ. राहत अबरार कहते हैं कि सर सैयद ने अपने जीवनकाल में यह कहा था कि कॉलेज की स्थापना वह विश्वविद्यालय को ध्यान में रखकर ही कर रहे हैं। यह भी अहम है कि संस्थापक के नाम पर कोई दिवस न मनाया जाए, बल्कि इस संस्था का स्थापना दिवस मनाया जाए। लेकिन आज सर सैयद डे मनाया जाता है एएमयू के स्थापना दिवस को लोग भूल रहे हैं।
एचजीआई सिडन थे पहले प्रिंसिपल, राजा महेंद्र प्रताप रहे छात्र
एएमयू जन संचार विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. शाफे किदवई कहते हैं कि एमएओ कॉलेज के पहले प्रिंसिपल एचजीआई सिडन थे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा महेंद्र प्रताप भी इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं। इसके अलावा ईश्वरी प्रसाद कॉलेज के पहले ग्रेजुएट विद्यार्थी रहे।