पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक नई बाबरी मस्जिद के निर्माण की मुहिम ने तेजी से जोर पकड़ ली है। कोलकाता से लगभग 175 किलोमीटर दूर बेलडांगा के रेंजी नगर इलाके में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखे जाने के बाद से ही यहां बड़ी संख्या में लोग ईंटें और चंदा दान करने के लिए उमड़ रहे हैं।
दो दिनों में 3 करोड़ रुपये का चंदा
सूत्रों के मुताबिक, नई बाबरी मस्जिद बनाने के लिए पिछले दो दिनों में ही करीब तीन करोड़ रुपये के आस-पास चंदा जमा हो चुका है। इसके अलावा, नींव के पत्थर रखी गई जगह के पास की जमीन पर अब तक लगभग 10 लाख ईंटें लाई जा चुकी हैं।
किस जमीन पर बनेगी मस्जिद?
हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को 3 कट्ठा जमीन पर बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखा था। हालांकि, उन्होंने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि नई बाबरी मस्जिद का निर्माण किस निश्चित ज़मीन पर किया जाएगा। जिस जगह नींव का पत्थर रखा गया है, उसके बगल में एक बड़ी जमीन उपलब्ध है। ऐसे में चर्चा ये भी हो रही है कि क्या भविष्य में उस जमीन को खरीद कर बाबरी मस्जिद बनेगी, इसका जवाब आनेवाले दिनों में ही मिलेगा।
“प्रस्तावित ढांचा किसी भी कीमत पर बनकर रहेगा”
बता दें कि मुर्शिदाबाद में यह कार्यक्रम 6 दिसंबर को निर्धारित किया गया था, जिस दिन 1992 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी। इस आयोजन के तिथि चयन को लेकर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई। न केवल रेंजी नगर में, बल्कि निकटवर्ती बेलडांगा क्षेत्र में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई, जिसे प्रशासन ने भीड़ बढ़ने और तनाव बढ़ने की आशंका के मद्देनजर प्रभावी रूप से उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में तब्दील कर दिया था।
वहीं, हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस ने ‘सांप्रदायिक राजनीति’ में शामिल होने के आरोप में इस हफ्ते की शुरुआत में निलंबित कर दिया था। कबीर ने कार्यक्रम के मंच से कई बार कहा कि प्रस्तावित ढांचा किसी भी कीमत पर बनकर रहेगा। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा हूं। उपासना स्थल बनाना एक संवैधानिक अधिकार है। बाबरी मस्जिद जरूर बनेगी।”

