छांगुर बाबा धर्मांतरण के साथ विदेश में भी कारोबार फैला रहा था। विदेश के कारोबार में माहिर नवीन के खातों की पड़ताल ईडी कर रही है। छांगुर के गिरोह की पड़ताल में जुटी ईडी के हाथ अहम सुराग लगे हैं।
अवैध धर्मांतरण को संगठित रूप से संचालित करने के लिए छांगुर ने उतरौला में ही एक और अड्डा बना रखा था। ईडी की जांच में इस बात के साक्ष्य मिले कि मधपुर की कोठी से वह धर्मांतरण की प्रक्रिया पूरी करता था। विदेश में कारोबार फैलाने का कार्य सुभाषनगर के आश्वी बुटीक कॉम्प्लेक्स से संचालित कर रहा था।
आश्वी बुटीक को बस दिखाने के लिए दुकान के रूप में विकसित किया गया था, लेकिन बुटीक काले कारनामों का अड्डा था। वहीं पर छांगुर, नवीन और नीतू अपने काले कारनामों से जुड़े सभी सबूत छुपाए हुए थे। इसमें विदेशी खातों से जुड़े अभिलेख के साथ ही एग्रीमेंट भी शामिल थे।
बैंकों से लेनदेन व अन्य कारोबार की जानकारी इसी कॉम्प्लेक्स में बंद थे। ईडी के हाथ जो सबूत मिले हैं, वह छांगुर के करीबी नवीन के सऊदी में कारोबार के साथ ही स्पेन के पनामा में जहाज से जुड़े कार्य के थे। मुंबई में कॉम्प्लेक्स की जानकारी होने के साथ ही बैंकों का रिकॉर्ड भी मिला है। इससे साफ है कि कोठी में छांगुर केवल मजमा लगाता था, असल कारोबार बुटीक से ही चल रहा था।
एटीएस के निशाने पर छांगुर के करीबी
अभी छांगुर के कई करीबी एटीएस की पकड़ से दूर हैं। इनमें पिंकी, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी, सगीर भूमिगत हो गए हैं। इन सभी की अहम भूमिका छांगुर के अवैध धर्मातरण में आई है। सगीर के खाते में विदेश से फंड भी आने की सूचना मिली है। ये सभी संगठित रूप से छांगुर के लिए काम करते थे। एफआईआर में नामजद इदुल इस्लाम महाराष्ट्र के नागपुर रहने वाला है, उसकी भी तलाश हो रही है।
छांगुर के करीबी रहे न्यायालय के बाबू तक पहुंची एटीएस
छांगुर के साथ पत्नी के नाम पर बलरामपुर जनपद न्यायालय के बाबू राजेश उपाध्याय ने महाराष्ट्र की प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी की थी। एटीएस की एफआईआर में उसके कारनामे दर्ज हैं। पत्नी संगीता के नाम से पुणे में 16 करोड़ की जमीन के बिक्री में मुनाफे की हिस्सेदारी थी। एटीएस की टीम शनिवार को बलरामपुर से जानकारी जुटा रही थी।
सीजेएम कोर्ट से तो राजेश उपाध्याय हटा दिया गया था, लेकिन अभी ड्यूटी पर था। शनिवार शाम वह लखनऊ के चिनहट स्थित आवास के लिए निकला था। ट्रेन से उसके लखनऊ जाने की सूचना मिली। बताया जा रहा है कि एटीएस ने उसे हिरासत में लिया है, जिससे छांगुर के अधिकारियों से संपर्क के राज का खुलासा होगा। जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है।