China AI-Powered Capsule: चीन के वैज्ञानिकों ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा कमाल किया है, जो मानवता के लिए सबसे बड़ा वरदान साबित होने जा रहा है। दरअसल चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI-पावर्ड कैप्सूल तैयार किया है, जिसे खाने से किसी भी मरीज की पेट संबंधी बीमारियों की समस्त गुप्त जांच सिर्फ 8 मिनट में बिना किसी पीड़ा झेले हो जाएगी। यह बिल्कुल खाने वाले कैप्सूल जैसा ही है, जिसमें हाई पावर्ड कैमरे लगे हैं, जिसे निगलते ही वह पेट के अंदर जाकर एंडोस्कोपी से ज्यादा बेहतर और सटीक जांच रिपोर्ट देने में सक्षम है।
एनेस्थीशिया और एंडोस्कोपी जैसी पीड़ादायक जांच का झंझट खत्म
चीन के इस AI-पावर्ड कैप्सूल ने पेट की जांच में नया युग आरंभ कर दिया है। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में चीन का यह सबसे बड़ा कमाल और क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जो मानवता की भलाई के लिए है। यह चीनी वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में विकसित किया गया एक छोटा सा AI-संचालित कैप्सूल है, जो अब पेट की जांच को पूरी तरह बदल रहा है। इस कैप्सूल को निगलना होता है। इसके बाद मात्र 8 मिनट में जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। यह बिना किसी ट्यूब, बिना एनेस्थीसिया और बिना एंडोस्कोपी जैसी पीड़ादायक जांच या किसी अन्य असुविधा के सटीक जांच रिपोर्ट देता है। इस आविष्कार ने पूरी दुनिया के कौतूहल को बढ़ा दिया है।
गैस्ट्रोस्कोपी की जगह ले सकता है AI-पावर्ड कैप्सूल, जानें कैसे करेगा काम
चीनी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह तकनीक अब तक मरीजों के लिए अक्सर दर्दनाक और असुविधाजनक साबित होने वाली पारंपरिक गैस्ट्रोस्कोपी की जगह ले सकती है। यह कैप्सूल मैग्नेटिकली कंट्रोल्ड कैप्सूल एंडोस्कोपी (MCCE) पर आधारित है, जिसमें AI की मदद से पेट के अंदर की तस्वीरें ली जाती हैं और तुरंत विश्लेषण किया जाता है। इस कैप्सूल में लगा छोटा कैमरा पेट की दीवारों की हाई-रेजोल्यूशन इमेज कैप्चर करता है। बाहर से मैग्नेटिक रोबोट की मदद से कैप्सूल को कंट्रोल किया जाता है, जिससे पेट के हर कोने की जांच संभव हो जाती है।
इन गंभीर बीमारियों का लगाया जा सकेगा आसानी से पता
इस AI-पावर्ड कैप्सूल को दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा क्रांति माना जा रहा है। पेट के अंदर पहुंचे कैप्सूल के कैमरे से AI सॉफ्टवेयर इन इमेजेस को स्कैन करके अल्सर, इरोशन, पॉलिप, ट्यूमर या अन्य असामान्यताओं का पता लगाता है। इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत इसकी सरलता और सुरक्षा है। मरीज को यह कैप्सूल सिर्फ पानी के साथ अन्य खाने वाली दवाओं की तरह ही निगलना होता है। जांच के दौरान मरीज आराम से लेटा रहता है और प्रक्रिया खत्म होने के बाद कैप्सूल प्राकृतिक रूप से शरीर से बाहर निकल जाता है। इसमें किसी तरह के सेडेशन या संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता। जांच के तुरंत बाद मरीज घर जा सकता है।
एंडोस्कोपी में लगता है घंटों का समय
अब तक पेट संबंधी जटिल बीमारियों का पता पारंपरिक एंडोस्कोपी के जरिये की जाती रही है, जहां जांच में घंटों लगते हैं और मरीज को सुन्न (बेहोश) किया जाता है। इससे मरीज को काफी पीड़ा भी झेलनी पड़ती है, वहीं यह कैप्सूल मात्र 8 मिनट में काम पूरा कर देता है। चीन में इस कैप्सूल का व्यापक परीक्षण हो चुका है। हजारों मरीजों पर ट्रायल में इसकी सटीकता पारंपरिक जांच के बराबर पाई गई है।
क्या होगी कैप्सूल की कीमत
इस कैप्सूल की कीमत भी काफी सस्ती कर दी गई है। हजारों मरीजों पर सफल परीक्षण हो चुका है। अब इसे 280 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 23,000 रुपये में बाजार में उतारने की तैयारी है। ताकि आम लोग भी इसका लाभ उठा सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक पेट के कैंसर की जल्दी पहचान में क्रांति ला सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां गैस्ट्रिक कैंसर आम है। यह नवाचार ANKON टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों का परिणाम है, जिन्होंने NaviCam सिस्टम को विकसित किया।
दर्दरहित सस्ती जांच करेगा कैप्सूल
इस AI-पावर्ड कैप्सूल के जरिये भविष्य में छोटी आंत की जांच के लिए भी इस्तेमाल किए जाने की उम्मीदें हैं। अब दुनिया भर के डॉक्टर इस क्रांतिकारी और अद्भुद तकनीक को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं। चीन का यह AI-कैप्सूल न केवल मरीजों के लिए राहत है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने का माध्यम भी है। यह तकनीक साबित करती है कि AI और रोबोटिक्स मिलकर चिकित्सा को कितना आसान बना सकते हैं। आने वाले समय में ऐसे कैप्सूल हर घर की जरूरत बन सकते हैं, जहां नियमित स्वास्थ्य जांच बिना किसी दर्द के हो सकेगी।

