कोरोना वायरस के दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तैयारियां कर ली हैं। जांच के लिए 2000 आरटीपीसीआर और दवाओं की किट का स्टॉक तैयार कर लिया है। रैपिड रिस्पांस टीम भी बना दी है। वैसे, चिकित्सकों का मानना है कि ये खतरनाक नहीं है और सामान्य फ्लू की तरह है।
सीएमओ प्रभारी डॉ. अमित रावत ने बताया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए 1000 आरटीपीसीआर किट खरीदी गई हैं। इनको जरूरत के आधार पर एसएन मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में उपलब्ध कराया जाएगा। दवाओं की भी 1000 किट तैयार की हैं, जिसमें बुखार-खांसी, खराश समेत अन्य दवाएं हैं। हालत गंभीर होने पर मरीजों को एसएन कॉलेज में भर्ती कराया जाएगा। रैपिड रिस्पांस टीम के नोडल अधिकारी डॉ. नंदन सिंह बनाए गए हैं। बुखार-खांसी, खराश, सांस लेने में परेशानी होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखा सकते हैं।
लैब-अस्पताल संचालकों को नोटिस, संक्रमित की भेजें सूचना
एमओ प्रभारी ने बताया कि जिले में 537 हॉस्पिटल और 149 पैथोलॉजी लैब हैं। इनके संचालकों को नोटिस दिया है, जिसमें अगर जांच में कोई संक्रमित मरीज मिलता है तो उसकी जानकारी कार्यालय में देनी होगी। अस्पताल में संक्रमित मरीज का इलाज करने पर भी विभाग को सूचना देनी होगी। ऐसा नहीं करने वालों के लाइसेंस निलंबित कर दिए जाएंगे।
एसएन में बनाया जाएगा 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड
एसएन मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्राचार्य ने प्रभारियों के साथ बैठक की है। इसमें पांच कमेटी तय की हैं। आइसोलेशन वार्ड भी बनाया जाएगा। प्राचार्य डाॅ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। अभी शासन से कोई गाइडलाइन नहीं आई है। वैसे, इलाज और जांच की पूरी तैयारी है। 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ये लक्षण हैं तो चिकित्सक को दिखाएं:
– खांसी-जुकाम और खराश है तो मास्क लगाएं, डॉक्टर को दिखाएं।
– खाने पीने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ कर लें।
– बेवजह अस्पताल समेत भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
मधुमेह-हृदय और सांस रोगी ज्यादा रहें सतर्क
एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग की डॉ. आरती अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रॉन का 1.8.1 सब वेरिएंट है। ये आसानी से शरीर में अंदर पहुंच रहा है, जिसके चलते ये तेजी से बढ़ रहा है। ये मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्रभावित कर रहा है। इसमें हालत गंभीर नहीं मिल रही है। मधुमेह, हृदय, उच्च रक्तचाप, सांस रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। इसमें हल्का बुखार, गले में खराश और सूखा कफ और सांस लेने में तकलीफ हो रही है।