आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद डॉ. शाहीन को लेकर चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। वो हमदर्द बनकर युवाओं को दहशतगर्दी से जोड़ती थी। उसका अलकायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट मॉड्यूल से कनेक्शन तलाशा जा रहा है। डॉ. शाहीन हमदर्द बनकर युवाओं को दहशतगर्द बनाने की साजिश का हिस्सा थी। वह न केवल मेडिकल के छात्रों को बरगला रही थी, बल्कि मुस्लिम मरीजों का भी ब्रेनवॉश करती थी। एटीएस सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में शाहीन के इन गतिविधियों के सुराग मिले हैं।
यह पहला मामला नहीं है जब आतंकी गतिविधियों में डॉक्टरों की संलिप्तता पाई गई है। इसके पहले अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस ने यूपी एटीएस, राजस्थान और झारखंड पुलिस के साथ आतंकियों के बड़े नेटवर्क का राजफाश किया था। तब रांची का डॉ. इश्तियाक अहमद गिरफ्तार किया गया था, जो गिरोह का सरगना था। खुफिया एजेंसियों ने अलकायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट नाम के मॉड्यूल का खुलासा कर कई राज्यों से 14 लोगों को पकड़ा था।
एक बार फिर डॉक्टरों की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता सामने आने के बाद एटीएस अलकायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट मॉड्यूल से जुड़े लोगों का ब्योरा खंगाल रही है। दोनों मॉड्यूल के आपसी कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं। एटीएस की एक टीम ने दिल्ली में भी छानबीन की है।
विदेश में पढ़ने वाली लड़कियों का ऑनलाइन ब्रेनवॉश
सूत्रों का कहना है कि विदेश में पढ़ाई करने वाली लड़कियों से शाहीन ऑनलाइन बात करती थी। वह उन्हें जमात उल मोमिनात से जोड़ने लिए ब्रेनवॉश करती थी। वह छात्राओं से ऑनलाइन गाइडेंस के नाम पर संपर्क करती थी। धीरे-धीरे हमदर्दी जताने के बहाने वह उन्हें संदिग्ध गतिविधियों में जोड़ लेती थी। बताया जा रहा है कि शाहीन ने कई बार जम्मू-कश्मीर का दौरा भी किया था। शाहीन का काम आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का था।
आमने-सामने बैठाकर होगी पूछताछ
आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन का आमना-सामना उसके भाई डॉ. परवेज से कराया जाएगा। अभी दोनों से अलग अलग पूछताछ की गई है। इसके बाद दोनों से एक साथ पूछताछ होगी। इसी मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल से भी परवेज के कनेक्शन के बारे में जानकारी की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि डॉ. परवेज कीपैड फोन से ही अपने करीबियों से बात करता था। बुधवार को परवेज के आईआईएम रोड के मुत्तकीपुर स्थित तकवा कॉलोनी में घर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। मोहल्ले के लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। परवेज के दोस्त फारूख ने बताया कि वह अक्सर इलाज के लिए परवेज से सलाह लेते थे। व्हाट्सएप पर समस्या लिखकर भेजने पर परवेज दवाई का नाम लिखकर भेज देता था।

