DUSU चुनाव को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने DUSU चुनाव के बाद विजय जुलूस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जश्न मनाइए, लेकिन जुलूस नहीं। इस फैसले के बाद अब जीते उम्मीदवार कैंपस में जुलूस नहीं निकाल पाएंगे। हॉस्टल और शहर के किसी भी हिस्से में जुलूस पर बैन लगाया। साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस, दिल्ली विश्वविद्यालय, नागरिक प्रशासन को डूसू चुनाव के दौरान अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सभी संभव एवं अनुमेय कदम उठाने का निर्देश दिया है।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को कहा था कि वह DUSU चुनावों के दौरान नियामक उपायों का कोई उल्लंघन नहीं होने की उम्मीद करता है, जो कि विश्वविद्यालय, दिल्ली पुलिस, उम्मीदवारों और उनके संगठनों की जिम्मेदारी है। मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ डूसू चुनावों के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।
अदालत ने कहा था, “आज दाखिल किए गए दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए, हम केवल यही उम्मीद और अपेक्षा कर सकते हैं कि चुनाव के दौरान नियामक उपायों का कोई उल्लंघन न हो, जिसकी ज़िम्मेदारी विश्वविद्यालय, दिल्ली पुलिस, उम्मीदवारों और उनसे जुड़े संगठनों की होगी।” अदालत अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रही, जिन्होंने डूसू चुनाव को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए दिशानिर्देशों और नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई थी।
एनएसयूआई और ABVP के सदस्यों के बीच हुई थी झड़प बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को किरोड़ीमल कॉलेज (केएमसी) में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों के बीच झड़प हुई थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के चुनाव गुरुवार, 18 सितंबर को होंगे और नतीजे शुक्रवार 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। दिन की कक्षाओं के लिए मतदान सुबह 8:30 बजे शुरू होगा, जबकि शाम की कक्षाओं के लिए मतदान दोपहर 3 बजे शुरू होगा।(Input With PTI)

