एसएन मेडिकल कॉलेज में दिवाली के बाद ओपीडी में 3300 मरीज आए। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन, त्वचा रोग, और वक्ष एवं क्षय रोग विभाग में आए। आतिशबाजी के कारण कानों में झनझनाहट, सूजन और दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे हैं।
ईएनटी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रीतू गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में 211 मरीज आए। इनमें तेज आवाज के पटाखों से कान सुन्न होने, झनझनाहट, दर्द, भारीपन और ऊंचा सुनने की शिकायतें मिली हैं। तेज आवाज से कान की नस और पर्दे को नुकसान पहुंचा है। इलाज से लोगों को राहत मिली। मेडिसिन विभाग के डॉ. सूर्यकमल वर्मा ने बताया कि दिवाली के बाद वायरल फीवर और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
ओपीडी में 689 मरीज आए, जिनमें 60 फीसदी को तेज बुखार, सिर में दर्द, जुकाम-खांसी, सांस लेने में परेशानी मिली। वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉक्टर गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अस्थमा और सांस रोगियों को सांस फूलने, खांसी के साथ बलगम में खून आने की समस्या हो रही है। विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि सांस उखड़ने और फेफड़े फूलने पर पांच मरीजों को भर्ती किया गया है। उन्हें ऑक्सीजन देनी पड़ रही है।
इन बातों का रखें ध्यान:
– कान में दर्द, सूजन, भारीपन होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
– सांस फूलने पर सुबह-शाम भाप लें, धूल-धुआं से बचें।
– बच्चों को खांसी-जुकाम होने पर खुद से कफ सिरप न दें।
– बुखार आने पर पैरासिटामॉल लें, ठीक न होने पर डॉक्टर को दिखाएं।

