फरहान अख्तर की मां के साथ हुई इतने लाख की धोखाधड़ी, केस हुआ दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला

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फरहान अख्तर की मां के साथ हुई इतने लाख की धोखाधड़ी, केस हुआ दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला

फिल्म निर्देशक-अभिनेता फरहान अख्तर की मां हनी ईरानी के साथ धोखाधड़ी हुई है। मुंबई पुलिस ने फरहान अख्तर की मां के ड्राइवर और बांद्रा झील के पास स्थित पेट्रोल पंप के एक कर्मचारी के खिलाफ 12 लाख की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। जांच के दौरान एक्टर फरहान की मैनेजर को पता चला कि ड्राइवर 35 लीटर की टंकी वाली गाड़ी में 62 लीटर के पेट्रोल का आंकड़ा दिखा रहा था और जो गाड़ी 7 साल पहले ही बेच दी गई थी। उसमें भी पेट्रोल भरवाने के पैसे दिखाए जा रहे थे।

फरहान अख्तर की मां संग हुई 12 लाख की धोखाधड़ी

पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी ड्राइवर नरेश सिंह (35) पर आरोप है कि उसने फरहान अख्तर के नाम पर जारी कार्ड का इस्तेमाल कर हनी ईरानी की गाड़ियों में पेट्रोल भरवाया। जांच में सामने आया कि ड्राइवर पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप करता था और वहां का कर्मचारी अरुण सिंह (52) उसे कैश लौटा देता था, जिसमें से वह अपना हिस्सा काट लेता था। 1 अक्टूबर को ईरानी की मैनेजर दिया भाटिया (36) ने बांद्रा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि ड्राइवर और पंप कर्मचारी ने मिलकर लगभग 12 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।

फरहान अख्तर के क्रेडिट कार्ड का हुआ दुरुपयोग जांच में पता चला कि जिस गाड़ी में वह पेट्रोल भरवाता था। उसकी क्षमता 35 लीटर थी, लेकिन उसके खाते में 62 लीटर डीजल भरा हुआ दिखाया गया। जब भाटिया ने नरेश सिंह से पूछताछ की तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया और केवल एक कार्ड से पेट्रोल-डीजल भरवाने की बात कही। बाद में जांच में साफ हुआ कि उसने फरहान अख्तर के नाम पर जारी तीन कार्डों का उपयोग किया था। इतना ही नहीं, आरोपी ने उस गाड़ी के लिए भी तेल खरीदा था जो सात साल पहले ही बेच दी गई थी। पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि यह गड़बड़ी उसने ही की थी।

फरहान अख्तर के ड्राइवर ने किया खुलासा आरोपी ड्राइवर ने बताया कि साल 2022 में उसने फरहान अख्तर के पूर्व ड्राइवर से ये कार्ड लिए थे और तब से ही वह बांद्रा झील के पास एस वी रोड पेट्रोल पंप पर कार्ड स्वाइप करता था। कार्ड से ईंधन भरे बिना ही उसे कैश मिल जाता था, जो 1,000 से 1,500 रुपये के बीच होता था। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (2) (आपराधिक विश्वासघात) 318 (4) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है।

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