ना.. ना.. से हां.. हां…ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का कबूलनामा, इशाक डार ने माना कि नूरखान बेस को हुआ था नुकसान

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ना.. ना.. से हां.. हां…ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का कबूलनामा, इशाक डार ने माना कि नूरखान बेस को हुआ था नुकसान

इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के असर से हुए नुकसान को लेकर पाकिस्तान कभी ना..ना.. तो कभी हां..हां.. करता रहा है। इस बार फिर पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के नूरखान बेस को नुकसान पहुंचा था। पाकिस्तान  के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़ा खुलासा किया, जिसने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर मुहर लगा दी। डार ने स्वीकार किया कि मई 2025 में भारत द्वारा छोड़े गए 80 ड्रोनों में से काफी को रोकने के बावजूद ड्रोन हमले से रावलपिंडी के चकलाला इलाके में स्थित महत्वपूर्ण नूर खान एयरबेस को नुकसान हुआ था। पाकिस्तान ने माना कि भारत के इस हमले से उसके सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचा और वहां तैनात जवानों को चोटें आईं। 

पाकिस्तान ने भारत के हमले को बताया गलती डार ने कहा कि भारत का यह हमला उसकी “गलती” थी। डार का यह बयान पाकिस्तान की आठ महीने पुरानी इनकार की नीति का अंत है। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 की सुबह हुई थी, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष पर्यटकों का बदला लिया। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। 

भारत के हमले में हुआ था पाकिस्तान को भारी नुकसान भारत के हमले में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के अहम ठिकाने तबाह हो गए थे। इस हमले में 100 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों में संघर्ष बढ़ गया। फिर 9-10 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को टारगेट किया, जिनमें नूर खान, सरगोधा का पीएएफ बेस मुशफ, भोलारी और जैकोबाबाद का शाहबाज बेस प्रमुख थे। सैटेलाइट इमेजरी (मैक्सर टेक्नोलॉजीज, 13 मई 2025) ने इन बेसों पर भारी क्षति की पुष्टि की थी, लेकिन पाकिस्तान लगातार अपनी साख बचाने के इरादे से इनकार करता रहा था। मगर अब डार के कुबूलनामे ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर मुहर लगा दी है। डार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर नूर खान बेस पर हमले और नुकसान को स्वीकार किया है। उनका यह कुबूलनामा ब्रह्मोस या स्कैल्प मिसाइलों के उपयोग की संभावना को भी मजबूत करता है।

पाकिस्तान में हुई थी 400-500 मौतें भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने डार के “सीमित नुकसान” वाले बयान को झूठा बताया। ढिल्लो ने पाकिस्तानी मीडिया (समां टीवी) का हवाला दिया, जिसमें स्वतंत्रता दिवस पर 138 जवानों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिए गए, जो वास्तविक हताहतों की संख्या 400-500 होने का संकेत देता है। पाकिस्तानी नागरिकों के वीडियो में नूर खान बेस आग की लपटों में घिरा दिखा था। यह कबूलनामा पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी भरा है। 

पाक पीएम शहबाज शरीफ भी कर चुके हैं ब्रह्मोस के हमले को स्वीकार  इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सलाहकार राना सनाउल्लाह ने भी शुरुआत में इनकार के बाद में भारत के हमले से हुए नुकसान को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया था। पीएम शहबाज ने एक संबोधन में कहा था कि 9-10 मई की रात वह जब स्वीमिंग पूल में नहा रहे थे, तभी मुनीर ने फोन करके बताया कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल से नूरखान बेस पर हमला कर दिया है। इनमें से कई मिसाइलें दूसरे एयरबेस पर भी गिरी हैं। इस तरह ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमता और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने साबित किया। लिहाजा आरंभ में पाकिस्तान की “ना.. ना..” अब “हां.. हां..” में बदल गई है, जो भारतीय सेना की सटीक और निर्णायक कार्रवाई की जीत है। यह घटना दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के लिए भारत की मजबूत स्थिति को रेखांकित करती है। 

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