छह साल की मासूम बच्ची की गुरुवार रात चचेरे भाई ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। शुक्रवार रात पुलिस ने मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। शनिवार शाम पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के शव गांव पहुंचा। इसी बीच हत्यारोपी के घर से गाली-गलौज के बाद माहौल बिगड़ गया और आक्रोशित परिजनों ने शाम छह बजे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे शव रखकर जाम लगा दिया। मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स और आला अधिकारी पहुंचे। घंटों चले मान-मनौव्वल के बाद देर शाम परिजन माने और जाम खुलवाया गया।
औरास थाना के एक गांव निवासी छह साल की बच्ची गुरुवार रात घर के पास ही अहाते में सो रहे बाबा को पानी देने गई थी। इसके बाद घर नहीं लौटी। पुलिस और परिजन उसकी तलाश कर रहे थे तभी दोपहर करीब 2:30 बजे बच्ची का शव घर से करीब 600 मीटर दूर नहर माइनर में मिला। जांच में पता चला कि बच्ची की उसके ही चचेरे भाई रविशंकर उर्फ रावेंद्र ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी है। शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस ने उसे मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था।
बच्ची के शव का शनिवार शाम को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन शव लेकर गांव पहुंचे और शाम करीब पांच बजे अंतिम संस्कार (दफ्न करने) के खेत लेकर पहुंचे। इस दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए गांव में चार दरोगा और 12 सिपाही तैनात थे। गड्ढा खोदकर उसमें शव रखा ही था कि तभी पता चला कि हत्यारोपी की मां अपने घर के बाहर खड़े होकर गाली-गलौज कर रही है। इससे मृतका के परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। बेटी का शव लेकर हत्यारोपी के घर पहुंच गए।
यहां ग्रामीणों ने आरोपी के घर पर पथराव कर दिया। घर के बाहर रखा छप्पर गिरा दिया। इसके बाद आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने और आरोपी को सामने लाने की मांग करने लगे। मौजूद अपराध निरीक्षक मो. इरशाद ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन शव को लेकर डेढ़ किमी पैदल चलकर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर पहुंच गए और सड़क पर शव रखने के साथ ही ईंट-पत्थर रखकर दोनों लेन पर जाम लगा दिया। इस दौरान कुछ वाहन सवारों ने निकलने की कोशिश की तो युवक डंडे लेकर दौड़े और वाहन में तोड़फोड़ का प्रयास किया।
हंगामे के दौरान भीड़ ने पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। कुछ ही देर में एक्सप्रेसवे की दोनों लेन पर करीब पांच किलोमीटर तक जाम लग गया। कई एंबुलेंस भी फंसी रहीं हालांकि प्रदर्शन करने वालों को समझाकर सिपाही एंबुलेंस को निकलवाते रहे।
सीओ बांगरमऊ अरविंद चौरसिया मृतका के परिजनों और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। सीओ ने आश्वासन दिया कि आरोपी के घर पर बुलडोजर चलेगा, लेकिन अभी जाम खोल दें। इसके बाद रात आठ बजे प्रदर्शन कर रहे लोग एक्सप्रेसवे से हटे, लेकिन मांगे पूरी न होने तक शव का अंतिम संस्कार न करने की जिद पर अड़ गए। इसके बाद सीओ और एसडीएम प्रज्ञा पांडेय ने परिजनों को समझाते हुए उनकी सभी मांगे पूरा कराने का आश्वासन दिया।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहित सिंह ने परिजनों की मांगों को लिखकर एसडीएम को दिया। इनमें मृतका के परिवार को 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता, आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाकर गिराने, धमकी दे रहे आरोपी के परिजनों पर कार्रवाई करने, मृतका के नाम पर सड़क बनवाने, परिवार को सुरक्षा और मुकदमा फास्ट्रैक कोर्ट में चलाकर हत्यारोपी को फांसी दिलाने की मांग शामिल है।