गोल्ड लोन मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में सीजेएम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता यादव ने 26 जून को जफराबाद थानाध्यक्ष को पांच बैंक अधिकारियों और एक ज्वेलर्स प्रोपराइटर के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
ये है पूरा मामला
कोतवाली के हुसैनाबाद निवासी वादी विक्रांत सिंह ने कोर्ट में अधिवक्ता प्रशांत उपाध्याय के माध्यम से प्रार्थना पत्र दायर किया। उन्होंने बताया कि वह मेडिकल एजेंसी संचालित करते हैं। वर्ष 2022 में व्यवसाय के लिए एक बैंक की कजगांव शाखा से संपर्क किया। बैंक के गोल्ड अप्रेजर ने उनके सोने की जांच की और 22 कैरेट बताया, इसका प्रमाणपत्र वादी के पास है। इसी आधार पर 17 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया।
25 लाख का सोना हड़पने का आरोप
गोल्ड बैंक में गिरवी रखा गया। बाद में 20 जनवरी 2023 को, बिना सूचना दिए, उसी गोल्ड का दोबारा मूल्यांकन कराया गया। इस बार गोल्ड को जीरो कैरेट बताया गया और वादी को लोन की पूरी राशि ब्याज सहित जमा करने को कहा गया। दबाव में आकर वादी ने 10 फरवरी को भुगतान कर दिया। वादी का आरोप है कि बैंककर्मियों ने मिलकर कूटरचना और जालसाजी से उनका 25 लाख रुपये मूल्य का गोल्ड हड़प लिया। गोल्ड वापस मांगने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई।