बिहार से आकर बना ‘मुंबई का किंग’, पर्दे में रही पहली शादी, कभी सामने नहीं आई पत्नी, फिर मुस्लिम हसीना का थामा हाथ

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बिहार से आकर बना ‘मुंबई का किंग’, पर्दे में रही पहली शादी, कभी सामने नहीं आई पत्नी, फिर मुस्लिम हसीना का थामा हाथ

बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों की बात हो और उसमें मनोज बाजपेयी का नाम न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। वे उन गिने-चुने अभिनेताओं में से एक हैं जो कमर्शियल सक्सेस से ज्यादा कंटेंट को अहमियत देते हैं। जहां उनके समकालीन एक्टर्स मेनस्ट्रीम मसाला फिल्मों में काम कर शोहरत कमा रहे थे, वहीं मनोज बाजपेयी ने हमेशा हटके और दमदार कहानियों को चुना। यही वजह है कि आज उन्हें कंटेंट का किंग कहा जाता है। वो ओटीटी से लेकर बड़े पर्दे पर हर जगह छाए हुए हैं, लेकिन आज हम आपको उनकी पर्सन लाइफ के बारे में बताएंगे।

तीन राष्ट्रीय पुरस्कार, छह फिल्मफेयर पुरस्कार और दो एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड्स जीत चुके मनोज को 2019 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो भारतीय सिनेमा में उनके योगदान का बड़ा प्रमाण है। मनोज बाजपेयी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, तब उनका सफर आसान नहीं था। उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा और शुरुआती समय में काम के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन 1994 में गोविंद निहलानी की फिल्म द्रोहकाल में महज एक मिनट के रोल ने शेखर कपूर का ध्यान खींचा।

इसके बाद उन्हें शेखर कपूर की चर्चित फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में छोटा लेकिन अहम किरदार मिला। साल 1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में ‘भीकू म्हात्रे’ का रोल उनकी किस्मत का टर्निंग पॉइंट बन गया। इस फिल्म का डायलॉग ‘मुंबई का किंग कौन- भूकी मात्रे’ आज भी लोगों की जुबान पर रहता है। इस रोल के लिए उन्हें जबरदस्त सराहना मिली और वे रातों-रात इंडस्ट्री में छा गए। इसके बाद ‘शूल’, ‘पिंजर’, ‘अलीगढ़’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘स्पेशल 26’, ‘भोंसले’, ‘जोरम’ और ‘राजनीति’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

फिल्मों के साथ-साथ मनोज बाजपेयी ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी धाक जमाई। ‘द फैमिली मैन’ वेब सीरीज में श्रीकांत तिवारी का किरदार निभाकर उन्होंने नई पीढ़ी के दर्शकों को भी अपना फैन बना लिया। इस रोल में उन्होंने एक जासूस और एक पारिवारिक इंसान के बीच की जद्दोजहद को बेहतरीन ढंग से पेश किया, जिससे उन्हें देशभर में नई लोकप्रियता मिली। जहां उनकी प्रोफेशनल लाइफ पूरी तरह व्यवस्थित और सम्मानजनक रही, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ उतनी आसान नहीं रही है।

बहुत कम लोग जानते हैं कि मनोज बाजपेयी ने दो बार शादी की है। उनकी दूसरी और मौजूदा पत्नी हैं शबाना रजा, जिन्हें फिल्मों में नेहा नाम से भी जाना जाता था। शबाना भी एक्ट्रेस रह चुकी हैं और ‘करीब’, ‘फिजा’, ‘होगी प्यार की जीत’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। आठ साल तक डेटिंग के बाद साल 2006 में मनोज और शबाना ने शादी कर ली। साल 2011 में उनकी बेटी एवा नायला का जन्म हुआ। अब शबाना एक्टिंग से दूर होकर एक फिल्म निर्माता बन चुकी हैं और मनोज की स्क्रिप्ट सिलेक्शन में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

बहुत कम लोग जानते हैं कि शबाना रजा से पहले मनोज बाजपेयी की एक और शादी हो चुकी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह अरेंज मैरिज थी जो उनके माता-पिता ने बिहार के बेलवा गांव में तय की थी। शादी के कुछ समय बाद ही मनोज मुंबई आ गए थे, जहां वे अपने एक्टिंग करियर को बनाने में जुट गए। मुंबई में शुरुआती संघर्ष के दौर में उन्हें कई आर्थिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसी कठिन समय में उनके वैवाहिक जीवन में खटास आ गई और कथित तौर पर यह रिश्ता टूट गया।

मनोज ने कभी भी अपनी पहली शादी के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं की और न ही अपनी पहली पत्नी की पहचान उजागर की। यह उनके जीवन का एक ऐसा हिस्सा रहा है जिसे उन्होंने हमेशा निजी रखा। मनोज बाजपेयी का करियर इस बात का उदाहरण है कि अगर आप सच्चाई, मेहनत और हुनर के साथ अपने काम के प्रति समर्पित हैं, तो सफलता जरूर मिलती है। चाहे वह बड़े पर्दे की दमदार परफॉर्मेंस हो या ओटीटी की हिट वेब सीरीज, मनोज हर माध्यम में अपनी छाप छोड़ते हैं।

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