केदारनाथ में रविवार की सुबह आर्यन एविएशन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जो हेलिकॉप्टर में सवार थे। वहीं इस घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेलिकॉप्टर शटल सेवा का संचालन करने वाली कंपनी आर्यन एविएशन के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने सुरक्षा एहतियात के तौर पर 15 और 16 जून 2025 को क्षेत्र में सभी चार्टर और शटल हेलीकॉप्टर संचालन निलंबित कर दिए गए हैं। इसके अलावा इलाके में दो हेलिकॉप्टरों को खराब मौसम के बावजूद उड़ता हुआ पाया गया। इसके दोनों पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए कैंसिल कर दिए गए हैं।
आर्यन एविएशन की सभी सेवाएं निलंबित
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि आर्यन एविएशन के हेलीकॉप्टर के आज एक दुखद दुर्घटना में शामिल होने के बाद चार धाम यात्रा के लिए इसके संचालन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। हेलीकॉप्टर में पांच यात्री, एक शिशु और एक चालक दल का सदस्य सवार था। मंत्रालय ने आगे बताया कि मेसर्स ट्रांसभारत एविएशन के दो हेलीकॉप्टर- VT-TBC (PIC: कैप्टन योगेश ग्रेवाल, CPL(H)-1453) और VT-TBF (PIC: कैप्टन जितेन्द्र हरजाई, CPL(H)-1046) समान अनुपयुक्त मौसम स्थितियों में हवा में उड़ते पाए गए। तदनुसार, दोनों पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिए गए हैं। वहीं सुरक्षा एहतियात के तौर पर 15 और 16 जून 2025 को क्षेत्र में सभी चार्टर और शटल हेलीकॉप्टर संचालन निलंबित कर दिए गए हैं।
सभी हेलिकॉप्टर शटल सेवा पर रोक
दरअसल, केदारनाथ में क्रैश होने वाले हेलीकॉप्टर ने तड़के 05:10 बजे गुप्तकाशी से उड़ान भरी और 05:18 बजे श्री केदारनाथ जी हेलीपैड पर उतरा। यह सुबह 05:19 बजे गुप्तकाशी के लिए फिर से रवाना हुआ और 05:30 से 05:45 बजे के बीच गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में पांच यात्री, एक शिशु और एक चालक दल का सदस्य सवार था। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने सुरक्षा एहतियात के तौर पर 15 और 16 जून को क्षेत्र में चार्टर और शटल हेलीकॉप्टर परिचालन को निलंबित करने की घोषणा की थी।