लखनऊ: व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का पर्दाफाश होने के बाद आतंकी गतिविधियों में शामिल डॉक्टर भाई-बहन शाहीन शाहिद और परवेज को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन और डॉक्टर परवेज ने शुरू में ऑनलाइन माध्यम से ऐसे वीडियो देखे थे जो जिहाद के बारे में बताते थे। धीरे-धीरे इन वीडियो का इतना असर हुआ कि ये सेल्फ-रेडिकलाइज हो गए। बाद में ये भाई-बहन डॉक्टर मुजम्मिल के संपर्क में आए और बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा बन गए। पुलिस सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर परवेज के यहां से मिले मोबाइल फोन और लैपटॉप की शुरुआती जांच से पता चलता है कि वह जो भी कॉल करता था या मैसेज भेजता था, उसे फौरन डिलीट कर देता था।
डॉक्टर परवेज के घर पुलिस को क्या-क्या मिला?
जांच एजेंसियों को डॉक्टर परवेज के घर से 10 मोबाइल फोन, एक टैबलेट, एक लैपटॉप और हार्ड डिस्क मिली है। बता दें कि लैपटॉप, टैबलेट और हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. परवेज की तरफ से डिलीट किए गए डेटा को रिकवर किया जा रहा है। जो मोबाइल मिले हैं उनमें से कीपैड फोन और स्मार्टफोन दोनों हैं। मोबाइल में जो सिम लगे हैं वो अलग-अलग नाम और पते पर हैं। अब इन मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल्स भी खंगाली जा रही है।
शाहीन के बड़े भाई को नहीं हो रहा भरोसा
हालांकि, डॉक्टर शाहीन शाहिद के बड़े भाई ने अपनी बहन के टेरर एक्टिविटीज से जुड़े होने पर भरोसा करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी फैमिली को अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि वह किसी गैरकानूनी गतिविधि में हो सकती है।
रेडिकलाइज होने से पहले बुर्का नहीं पहनती थी शाहीन
दूसरी तरफ, शाहीन के पूर्व पति ने कहा कि शाहीन ने अपने विवाहित जीवन में कभी बुर्का नहीं पहना. वह तो अपने बच्चों के लिए प्यारी और देखभाल करने वाली मां थीं। वह बेहतर जिंदगी की चाहत में विदेश जाना चाहती थी।
क्यों पकड़ी गई डॉक्टर शाहीन शाहिद?
जांचकर्ताओं के मुताबिक, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी डॉक्टर शाहीन शाहिद व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क में शामिल लोगों में से एक है। कश्मीर, हरियाणा और यूपी में फैले इस टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 3 डॉक्टरों समेत 8 लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुआ।

