Maithili Thakur Education: बिहार के सियासी रण में पहली बार किस्मत आजमाने उतरीं लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने बंपर जीत दर्ज की है। अपनी जीत के साथ मैथिली ने बिहार की ‘सबसे युवा विधायक’ का खिताब भी अपने नाम कर लिया है। बता दें कि, मैथिली ठाकुर बिहार की अलीनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार थीं और इन्होंने 11730 वोटों के अंतर से जीत का परचम लहराया है। 25 वर्षीय मैथिली राजनीति में किस्मत आजमाने से पहले रियलिटी शो का भी हिस्सा रह चुकी हैं जहां उनके सुरों को खूब प्रशंसा मिली। हालांकि, वे शो नहीं जीत पाई थीं मगर राजनीति में एंट्री करते ही छा गई हैं। अब हम आपको बताते हैं मैथिली ठाकुर ने ‘संगीत से सियासत’ का सफर कैसे तय किया ?
मैथिली का परिवार
सुरों की मल्लिका मैथिली का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले में स्थित बेनीपट्टी ब्लॉक का उरेन गांव में हुआ था। इनका परिवार भी संगीत प्रेमी है। इनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीतकार होने के साथ उनके पहले गुरु भी हैं। मैथिली की मां भारती ठाकुर गृहिणी हैं और उनके दो छोटे भाई ऋषभ व अयाची हैं। मैथिली के दोनों भाई संगीत की दुनिया में बराबर उनका साथ देते आए हैं। काफी समय पहले उनके पिता दिल्ली आ गए थे जहां पर मैथिली की पढ़ाई-लिखाई हुई।
मैथिली ठाकुर की शिक्षा
बिहार की सबसे युवा विधायक बनने वालीं मैथिली ने कई इंटरव्यू में बताया है कि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिता के दिल्ली आने के बाद मैथिली का एडमिशन बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल में करवा दिया गया था। यहां उन्हें मेधावी होने के कारण स्कूल में स्कॉलरशिप मिली थी और फिर 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने इसी स्कूल से की। 12वी के बाद मैथिली ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ—साथ मैथिली ने अपने संगीत प्रेम को बरकरार रखा और करियर पर फोकस किया।
मैथिली ठाकुर की कुल संपत्ति
अलीनगर सीट से भाजपा की नवनिर्वाचित विधायक मैथिली ठाकुर ने अपने चुनावी हलफनामे में 2.32 करोड़ रुपये की चल संपत्ति (नकद, वाहन, आभूषण) और 1.5 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति (भूमि) घोषित की है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी कुल संपत्ति 3.82 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। आपको बता दें कि, मैथिली ठाकुर की आय का मुख्य स्रोत गायन, सोशल मीडिया और ब्रांड एंडोर्समेंट है।
अवार्ड्स और सम्मान
मैथिली ठाकुर को अब तक कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 में उन्हें नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड की ‘कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर’ कैटेगरी में सम्मानित किया था। लोक संगीत में योगदान के लिए मैथिली को संगीत नाटक अकादमी ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार (2021) दिया था। मैथिली बिहार के मधुबनी जिले के लिए इलेक्शन आइकॉन नियुक्त की जा चुकी हैं और जीनियस यंग सिंगिंग स्टार (2016) प्रतियोगिता की विजेता भी रह चुकी हैं।
सियासत का पहला चरण पार
बिहार की सियासत में मैथिली ठाकुर ने जीत हासिल कर न सिर्फ कई राजनीतिक दिग्गजों को चौंकाया है बल्कि सियासत का पहला चरण पार कर लिया है। 25 साल की युवा गायिका मैथिली ठाकुर ने विकास कार्यों को प्राथमिकता देने का वादा किया है। हालांकि, अलीनगर का नाम बदलकर ‘सीतानगर’ करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। मैथिली ने कहा था कि, सिर्फ बिहार की जनता की सेवा करना है। गौरतलब है कि, बिहार में विधायकों की औसत उम्र करीब 51 साल है और मैथिली से पहले 2015 में 26 साल के तेजस्वी यादव सबसे कम उम्र के उम्मीदवार थे।

