बदायूं। लोकसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, वैसे ही चुनावी सरगर्मी भी बढ़ती जा रही हैं। इन दिनों पूरे लोकसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा की नुक्कड़ सभाएं हो रही हैं। ऐसी ही एक नुक्कड़ सभा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शिवपाल यादव के समर्थन में सहसवान विधानसभा क्षेत्र में चल रही थी। इसमें सपा प्रत्याशी के बोल बिगड़ गए। वह अपनी बात कहते-कहते धमकी दे गए।
उन्होंने कहा कि वोट तो वह सबसे मांगेंगे। दें तो दें नहीं तो फिर हिसाब किताब भी होगा। अब यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है। हालांकि, हम प्रसारित वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं। विपक्ष भी हमलावर हो गया है।
शिवपाल यादव का वीडियो प्रसारित
लोकसभा क्षेत्र बदायूं से सपा के प्रत्याशी शिवपाल यादव का गुरुवार रात एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ। इसमें वह सहसवान विधानसभा क्षेत्र में सभा कर रहे हैं। उनके साथ मंच पर उनके बेटे आदित्य यादव और सहसवान विधायक बृजेश यादव भी दिख रहे हैं।
प्रत्याशी शिवपाल यादव सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हम तो सबका वोट मांगेंगे। जो देगा देगा, नहीं तो अपने लोग हैं ही लाखों से जिता देंगे। सभा में मौजूद लोगों की हंसी के बाद शिवपाल कह रहे हैं कि दें तो दें नहीं देंगे तो फिर पहले तो वोट नहीं तो फिर हिसाब किताब भी होगा। इसके बाद सभा में मौजूद लोग हंसते हैं और शिवपाल के समर्थन में नारेबाजी होती हैं।
शिवपाल यादव के धमकी भरे इस बयान के हर कोई अपनी अपनी तरह से मायने निकाल रहा है। सहसवान इंस्पेक्टर सौरभ सिंह ने बताया कि वीडियो मिला है। जांच की जा रही है।
गुंडों के सरदार हैं शिवपाल यादव
शिवपाल यादव का वीडियो प्रसारित होने के बाद भाजपा प्रत्याशी दुर्विजय शाक्य से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शिवपाल का स्वभाव गुंडई का है। वह गुंडों को संरक्षण देते रहे हैं। सही मायने में वह गुंडों के सरदार हैं। लेकिन भाजपा सरकार में जीरो टालरेंस है।
यूपी के सीएम को यह कतई पसंद नहीं है। जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। उन्होंने बार-बार प्रत्याशी बदले जाने के सवाल पर कहा कि चाचा ने भतीजे को फंसा दिया है। उन्हें हार दिख रही है, इसलिए बार-बार प्रत्याशी बदलने की बात चल रही है लेकिन प्रत्याशी कहीं ओर से नहीं बल्कि परिवार से ही आ रहा है।
सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा राष्ट्रीय महासचिव व प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव के कार्यक्रम का प्रसारित हुआ वीडियो तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। उसके आगे-पीछे का मामला हटाया गया है। सपा समाज को जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का काम तो फायरिंग करने वाले लोग करते हैं। ऐसा कुछ नहीं कहा गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी मनोजकुमार ने कहा वीडियो प्रसारित होने की शिकायत मिली थी, इसकी जांच कराई गई तो यह आचार संहिता लागू होने के पहले का निकला। इसलिए आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनता है।