लंदन: ब्रिटेन में नौकरी की चाहत रखने वालों के लिए बड़ी खबर है। ब्रिटिश सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश के नागरिकों और स्थायी निवासियों के लिए डिजिटल पहचान पत्र रखना अब जरूरी है। इसके बगैर नौकरी नहीं मिलेगी। सरकार ने अब डिजिटल पहचान पत्र को अनिवार्य बनाने का ऐलान किया है। इसका उद्देश्य रोजगार प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाना और अवैध आव्रजन पर लगाम लगाना है।
नए नियम से क्या होंगे बदलाव?
सरकार के अनुसार इस नई व्यवस्था से गैर-औपचारिक या अनौपचारिक क्षेत्र में काम करना कठिन हो जाएगा, जिससे अवैध प्रवासियों को नौकरी पाने में मुश्किल होगी। इसके अतिरिक्त, यह प्रणाली स्वास्थ्य सेवाएं, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, बाल देखभाल और अन्य सार्वजनिक सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच को सरल और तेज़ बनाएगी।
प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने दिया ये बयान
ब्रिटिश पीएम कियर स्टार्मर ने कहा, “यह कदम देश में अवैध रूप से काम करने को और अधिक कठिन बना देगा और हमारी सीमाओं की सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा। आम नागरिकों को भी इससे अनेक लाभ होंगे…वे अपनी पहचान डिजिटल रूप से प्रमाणित कर पाएंगे, जिससे उन्हें पुराने उपयोगिता बिल जैसी प्रक्रियाओं में उलझने की ज़रूरत नहीं होगी।”
पहचान पत्र पर पुराना विवाद
ब्रिटेन में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहचान पत्र आम नागरिकों के लिए अनिवार्य नहीं रहे हैं। यह विषय लंबे समय से विवादास्पद बना हुआ है। नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह की योजनाएं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन हैं और इससे निजी डेटा के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने लगभग दो दशक पहले आतंकवाद और धोखाधड़ी से निपटने के लिए बायोमेट्रिक पहचान पत्र लागू करने की कोशिश की थी, लेकिन उसे जनता और संसद के भारी विरोध के चलते रद्द कर दिया गया था।

