कानपुर में मंगलवार को जेल से रिहा होने के बाद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से उनके आवास पर मिलने वालों का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार देर रात करीब तीन बजे घर पहुंचने पर बड़ी तादाद में समर्थकों ने उनका स्वागत किया था। बुधवार को भी पार्टी के विधायकों, पदाधिकारियों और शहरवासियों ने इरफान से मुलाकात की। पूर्व विधायक के मुताबिक वह शनिवार तक अजमेर शरीफ के लिए रवाना होंगे। वहां जियारत कर लौटने के बाद एम्स में इलाज के लिए जाएंगे। जेल में रहने के दौरान उनके पैरों में दिक्कत हो गई है। इरफान आठ अक्तूबर के बाद किसी दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ भी जा सकते हैं।
इसके बाद वह सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का शुुक्रिया अदा करने के साथ ही राजनीतिक रूप से सक्रिय हो जाएंगे। सोलंकी परिवार की रवायत रही है कि चाहे हाजी मुश्ताक रहे हों या इरफान चुनाव जीतने के बाद मतगणना स्थल से ही अमजेर शरीफ के लिए रवाना हो जाते थे। इस बार विधायक का चुनाव जीतने के बाद नसीम सोलंकी अजमेर शरीफ नहीं गई थीं। उन्होंने कहा था कि वह पति के साथ ही वहां जाएंगी। अब जब इरफान 34 माह बाद जेल से आए हैं, तो वह पुरानी रवायत को निभाते हुए राजनीतिक सक्रियता से पहले अजमेर शरीफ जाएंगे। उनके साथ नसीम और परिवार के अन्य लोग भी जाएंगे।
दो टिकट के बयान पर भी चर्चा की
बुधवार को इरफान से मिलने वालों में विधायक अमिताभ बाजपेई, मोहम्मद हसन रूमी, महानगर अध्यक्ष हाजी फजल महमूद, पूर्व अध्यक्ष अब्दुल मुईन खां, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेंद्र यादव मिंटू, सम्राट विकास यादव समेत बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे। इस दौरान इरफान से सीसामऊ विधानसभा के चुनाव में योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया। इरफान सभी से गले लगकर मिले लेकिन अमिताभ और अब्दुल मुईन को मारे खुशी के उन्होंने चूम लिया। इस दौरान कई पदाधिकारियों ने उनसे दो टिकट के बयान पर भी चर्चा की। हालांकि उन्होंने मजाक करते हुए समय आने पर पत्ते खोलने की बात कहकर इसे टाल दिया।
2029 में होने हैं लोकसभा चुनाव
हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक इरफान ने यह बयान कनपुरिया जुबान में सुर्रा छोड़ने और अपनी पार्टी के साथ विपक्षी दलों को टेंशन देने के लिए दिया था। दरअसल इरफान को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। बिना सजा खत्म हुए उनका चुनाव लड़ना नामुमकिन है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते दिनों उन्हें अपनी पत्नी को ही विधायक बने रहने देने की नसीहत दी थी। इस स्थिति में उनके 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ने के आसार बहुत कम हैं। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद ही इसकी संभावना बन सकेगी। विधानसभा चुनाव में सीसामऊ का टिकट तो सोलंकी परिवार को पक्का है। लोकसभा चुनाव 2029 में होने हैं। इस समय तक यदि कोर्ट ने इरफान को सजा से मुक्त कर दिया, तो वह दावेदारी कर सकते हैं। हालांकि इस मुद्दे को संगठन के पदाधिकारियों और सभी विधायकों ने आलाकमान से जुड़ा फैसला बताया।
तीन साल बाद बेगम के हाथ का खाना मिला
अपने घर पर इरफान सभी से अपनेपन से मिले और पुरानी यादों पर बातचीत की। भोजन के दौरान इरफान ने कहा कि तीन साल बाद घर और अपनी बेगम के हाथ का बना भोजन कर रहा हूं। उनको तेजी खाते देख नसीम ने कहा कि आराम से खाएं। इस पर इरफान बोले कि अभी इतनी जल्दी जेल की आदत नहीं छूटेगी। हर काम वहां घंटे की आवाज सुनकर करते थे। अभी भी घंटे की आवाज कानों में गूंजती है। कहा कि बहुत समय बाद बच्चों के साथ समय बिताया। बिना रोक-टोक के उनको दुलारा। शाम करीब छह बजे इरफान ने भाइयों और परिजनों के साथ चुन्नीगंज स्थित पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी की कब्र पर फातिहा पढ़ा। उनके आवास पर शुभचिंतकों से मुलाकात का दौर देर रात तक चलता रहा।
सुरक्षाकर्मियों के साथ होने पर उठे सवाल
चुन्नीगंज कब्रिस्तान में जब इरफान फातिहा पढ़ने पहुंचे तो कब्र तक उनके साथ पुलिस के दो सुरक्षाकर्मी भी साथ थे। इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं कि गनर उनकी विधायक पत्नी को मिले हैं। वह पूर्व विधायक के साथ कैसे रह सकते हैं। इस बारे में इरफान ने कहा कि नसीम साथ ही चुन्नीगंज तक गई थीं। गनर उन्हीं के साथ थे। हमारे मजहब में औरतें कब्र पर नहीं जातीं इसलिए वह कार में बैठी रहीं। मैं पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने गया था गनर कहां हैं यह देखने की फुरसत नहीं थी।

