लखनऊ। प्रयागराज में बहुचर्चित बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड में दोषी इसरार ने सोमवार को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। इस मामले में इसरार समेत छह दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। इसरार सुनवाई की तिथि 29 मार्च को हाजिर नहीं हुआ था। इस कारण कोर्ट ने उसका गैरजमानती वारंट जारी किया था।
अभियुक्त इसरार के अधिवक्ता ने न्यायालय में आत्मसमर्पण के लिए दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि 29 मार्च 2024 को न्यायालय में उक्त हत्याकांड पर निर्णय सुनाया जाना था। अभियुक्त की तबीयत खराब हो जाने की वजह से वह उस दिन वह उपस्थित नहीं हो पाया। नियत तारीख पर अभियुक्त के गैरहाजिर होने की वजह से न्यायालय ने उस के विरुद्ध गैरजमानतीय वारंट जारी किया गया था।
कोर्ट ने दोषी करार दिया था
न्यायालय ने अपने निर्णय में अन्य अभियुक्तों सहित उसको भी दोषी करार दिया था। उसी दिन शेष अभियुक्तों को सजा भी सुना दी गई। आत्मसमर्पण के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। दंड के प्रश्न पर सुनवाई के लिए चार अप्रैल 2024 के लिए तिथि नियत कर दी।
29 मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित छह दोषियों में आबिद, इसरार, जावेद, गुल हसन, रंजीत पाल, अब्दुल कवि को उम्र कैद की सजा हुई थी और इन पर 11.65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। छह आरोपितों को कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर साजिश, बलवा, सशस्त्र बलवा, हत्या और जानलेवा हमले का दोषी माना था। वहीं, सातवें दोषी फरहान अहमद को आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।