कानपुर में एचएएल से लड़ाकू विमान के पुर्जे बनाने के नाम पर 55 लाख रुपये की ठगी के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। अमेरिकी कंपनी ने इस मामले में न्यायिक जांच का आदेश मांगा है। इसके बाद कमिश्नरी पुलिस जिला अदालत में अर्जी देने की तैयारी कर रही है।
मार्च में एचएएल के अपर महाप्रबंधक ने साइबर क्राइम थाने में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि एचएएल को अमेरिका की एक कंपनी से लड़ाकू विमान के पुर्जे चाहिए थे। इसके लिए अधिकारियों ने ईमेल के जरिए कंपनी से बातचीत की। इसी दौरान साइबर अपराधियों ने फर्जी ईमेल आईडी बनाकर एचएएल से रुपये ट्रांसफर करा लिए।
साइबर क्राइम टीम ने इस मामले में इंटरपोल और इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से भी मदद ली, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी। एडीसीपी क्राइम अंजलि विश्वकर्मा के मुताबिक अब अमेरिकी कंपनी ने जांच के लिए न्यायालय का आदेश मांगा है। इसी को लेकर जिला अदालत में अर्जी दाखिल की जाएगी।
एफबीआई और अन्य एजेंसियां जांच में आएंगी सामने
कोर्ट से आदेश मिलने के बाद उसकी कॉपी एफबीआई, अमेरिकी कंपनी और डोमेन उपलब्ध कराने वाली कंपनी को भेजी जाएगी। इसके बाद अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन (एफबीआई), यूएसए की कंपनी और वेबसाइट को डोमेन देने वाली कंपनी मिलकर जांच करेंगी। यह पूरी कार्रवाई भारत सरकार के गृह मंत्रालय के म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) पोर्टल के जरिए होगी। साइबर क्राइम सेल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्या है एमएलएटी पोर्टल?
एमएलएटी यानी म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी पोर्टल, भारत और अन्य देशों के बीच कानूनी मदद का जरिया है। इसके तहत दूसरे देशों से आपराधिक जांच, अभियोजन और सबूत जुटाने में मदद ली जाती है ताकि अपराधी कानून के शिकंजे से बच न सके।