Kanpur: ट्रेन की बोगियों पर वेंडरों का कब्जा, यात्री शौचालय में…बोले- विरोध पर करते हैं गालीगलौज, पढ़ें रिपोर्ट

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Kanpur: ट्रेन की बोगियों पर वेंडरों का कब्जा, यात्री शौचालय में…बोले- विरोध पर करते हैं गालीगलौज, पढ़ें रिपोर्ट

Kanpur News: यात्रियोंं ने बताया कि जब वेंडरों से सामान हटाने के लिए कहते हैं, तो वह गाली-गलौज कर धमकाने लगते हैं। आरपीएफ के जवान भी उन्हीं का पक्ष लेते और नीचे उतारने की धमकी तक देते हैं। कानपुर में सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-7 पर आनंद विहार से जोगबनी जाने वाली 12488 सीमांचल एक्सप्रेस पहुंची। पूरी ट्रेन खचाखच भरी थी। इंजन के पीछे के जनरल कोच में पैर रखने भी जगह नहीं थी। चौथे कोच की आधी बोगी पर वेंडरों ने कब्जा जमा रखा था। वहीं, यात्री गैलरी और शाैचालय में यात्रा करने को मजबूर रहे। संवाददाता की टीम को देखकर एक वेंडर ने कोच का गेट ही बंद कर लिया।

जबरन खुलवाकर अंदर गए तो देखा कि सीटों पर वेंडिंग ठेकेदार का खानपान का सामान रखा था। कोच की गैलरी में एक प्लास्टिक का नीला ड्रम रखा था जिसमें बर्फ डालकर पानी और पानी पेय की बोतलें भरी थी। करीब 40 यात्रियों की सीटों पर वेंडिंग ठेकेदार ने कब्जा कर रखा था।  जब संवाददाता ने ठेकेदार से इसका कारण पूछा, तो दबंगई से कहने लगा कि मेरे पास इसका लाइसेंस है, जहां चाहे कोच में वहां सामान रखकर बेच सकते हैं।

गाली-गलौज कर धमकाते हैं
कोच में मौजूद आरपीएफ स्कॉट के सिपाही भी उसी का पक्ष लेकर फोटो खींचने से मना करने लगे। विरोध किया, तो चुपचाप कोच से नीचे उतरकर एक कोने में खड़े हो गए। यात्रियोंं ने बताया कि जब वेंडरों से सामान हटाने के लिए कहते हैं, तो वह गाली-गलौज कर धमकाने लगते हैं। आरपीएफ के जवान भी उन्हीं का पक्ष लेते और नीचे उतारने की धमकी तक देते हैं।

इन ट्रेनों में भी ऐसी ही स्थिति
विक्रमशिला, अमृत भारत एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, पूर्वा, मधुपुर हमसफर जैसी ट्रेनों में यही स्थिति रहती है। राजधानी जैसी ट्रेनों में भी वेंडर एसी कोच के भीतर खाली सीटों पर खानपान का सामन रखते हैं। न तो इन्हें आरपीएफ रोकती है और ना ही रेलवे के अधिकारी।

ये बोले यात्री आनंद विहार से सीमांचल एक्सप्रेस से घर जा रहे थे। जनरल कोच में सीटों पर सामान रखा होने के कारण मजबूरी में शौचालय में बैठकर सफर करना पड़ रहा है।  -फुरकान, पुरनिया, बिहार दिल्ली में नौकरी करते हैं। अपने घर बिहार जा रहे हैं। जनरल कोच में जब सीट पर सामान देखा तो विरोध किया। इस पर वेंडर गाली-गलौज करने लगा। काफी देर खड़े रहे, फिर शौचालय में जाकर बैठना पड़ा।
-मो. सनवर, मधुपुरा, बिहार

इस तरह ट्रेनों के कोच पर कब्जा कर खानपान का सामान रखना और यात्रियों को सीट उपलब्ध न कराना पूरी तरह से गलत है। अगर ऐसी दिक्कत हो तो शिकायत करें, कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही इसे लेकर अभियान चलाया जाएगा।  -हिमांशु शुक्ला, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, प्रयागराज मंडल

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