लखनऊ। लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर अपने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा देना होगा। बिना किसी ठोस कारण के निर्धारित समय सीमा के अंदर खर्च का ब्योरा नहीं देने वाले प्रत्याशी को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-10(क) के तहत तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित है। प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन में निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किया जाना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(6) के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रत्याशी को कानून के तहत तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। आइपीसी की धारा-171(अ) के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता है।