नई दिल्ली। मुंबई हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा से एनआईए की पूछताछ शुक्रवार को शुरू हो गई। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। जहां अदालत ने राणा को 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनआईए की पहले दिन की पूछताछ में तहव्वुर राणा ने जांच में सहयोग किया।
जांच में तहव्वुर राणा ने क्या खुलासा किया?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ में पता चला कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान पंजाब के चिचावतनी नामक गांव का मूल निवासी है। उसके पिता स्कूल प्रिसींपल है।
तहव्वुर के दो भाई है, जिनमें से एक पाकिस्तानी सेना में मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहा है और दूसरा पत्रकार है। राणा ने कैडेट कॉलेज से पढ़ाई की है और मुंबई हमले का सह-साजिशकर्ता डेविड हेडली भी उसके साथ उसी स्कूल में पढ़ता था।
तहव्वुर राणा ने मेडिकल की डिग्री हासिल की है और पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में नौकरी कर चुका है। सेना छोड़ने के बाद साल 1997 में वह कनाडा में बस गया। तहव्वुर राणा की पत्नी भी एक डॉक्टर है, जिसका नाम समराज राना अख्तर है।
कनाडा में तहव्वुर राणा ने इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की और बाद में हलाल मीट के बिजनेस में भी हाथ आजमाया। इमीग्रेशन फर्म के जरिए ही तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी।
सेना की वर्दी में ही बैठकों में शामिल होता था तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा को सेना की नौकरी से बेहद प्यार था। इसी दौरान वह आईएसआई के संपर्क में आया और फिर लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा। जब आईएसआई और लश्कर ए तैयबा के प्रतिनिधियों की बैठक होती थी तो तहव्वुर राणा अक्सर उनमें सेना की वर्दी पहनकर पहुंचता था।
तहव्वुर राणा ने बताया कि वह अक्सर आतंकी संगठनों के कैंपों का दौरा करता था। मुंबई हमले के एक और मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर के संपर्क में भी तहव्वुर राणा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा के लश्कर ए तैयबा के साथ ही हरकत उल जिहाद अल इस्लामी आतंकी संगठन के साथ भी संबंध थे।
तहव्वुर राणा की मुंबई हमले के एक और प्रमुख साजिशकर्ता आईएसआई के अधिकारी मेजर इकबाल से भी मुलाकात हुई थी। मेजर इकबाल ने ही मुंबई हमले के लिए वित्तीय मदद दी और पूरा प्रबंध किया। डेविड हेडली का मुख्य हैंडलर भी मेजर इकबाल ही था।