महज 26 दिन में शहर में 8,20,99,871 रुपये की साइबर ठगी हुई। पुलिस महज 2,90,90,537 रुपये को ही फ्रीज कराई सकी। फ्रीज हुई रकम महज 35.43 प्रतिशत ही है। अब पुलिस इसे 40 प्रतिशत तक करने की कोशिश में लगी है।
एसीपी साइबर क्राइम सेल अरीब खान ने बताया कि पहले फ्रीज हुई रकम का प्रतिशत महज 17 था। इसको प्रयास कर 35.43 तक लाया गया है। अधिकारियों का आदेश है कि इस प्रतिशत को हर हाल में 40 तक ले जाना है। शनिवार को एसीपी ने शहर के सभी थानों में तैनात साइबर हेल्प डेस्क के कर्मियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इसमें शहर के सभी पांच जोन के साइबर क्राइम सेल के जोनल प्रभारी और करीब 70 पुलिसकर्मी शामिल हुए।
एसीपी ने बताया कि बैठक में शामिल पुलिस वालों को बताया गया कि कोई भी व्यक्ति साइबर ठगी की शिकायत लेकर आता है कि सबसे पहला प्रयास 1930 पर उसकी शिकायत को पंजीकृत कराना होगा। इससे ठगी की रकम को समय के अंदर फ्रीज कराने में आसानी होती है। 1930 पर शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर हेल्प डेस्क पर तैनात पुलिसकर्मी पीड़ित की एफआईआर दर्ज कराने में सहायता करेंगे और केस दर्ज होने के बाद समय-समय पर अपडेट भी लेंगे।
जोन वार ठगी की रकम के आंकड़े
जोन ठगी की रकम फ्रीज हुई रकम प्रतिशत
पश्चिम 1,45,04,713 33,86,479 23.34
पूर्वी 2,39,46,286 1,23,78,674 51.69
नॉर्थ 1,47,26,540 57,85,724 39.28
साउथ 1,96,35,398 48,46,799 24.68
मध्य 92,86,934 26,92,861 28.99
योग 8,20,99,871 2,90,90,537 35.43
एसटीएफ बिल्डिंग से जेसीपी एलओ दफ्तर शिफ्ट हुआ साइबर क्राइम थाना
विभूतिखंड स्थित एसटीएफ मुख्यालय परिसर में बना साइबर क्राइम थाना अब डालीगंज स्थित जेसीपी एलओ बबलू कुमार के दफ्तर में शिफ्ट कर दिया गया है। जेसीपी एलओ ने बताया कि ऐसा लोगों की सुविधा को देखते हुए किया गया है। पहले साइबर क्राइम थाना लोगों की पहुंच से थोड़ा दूर था, अब दूरी कम हो गई है। साथ ही साइबर क्राइम थाने में होने वाले कार्रवाई की भी सही से मॉनिटरिंग की जा सकेगी।

