लखनऊ: श्रीहरि कथा में हनुमान जी के जीवन चरित का वर्णन, भक्ति के महात्मय को किया उजागर

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लखनऊ। सर्व श्री आशुतोष जी महाराजी द्वारा संस्थापित एवम संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक अध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थान है। संस्थान द्वारा समय समय पर जन जाग्रति हेतु अध्यामित्क एवम समाजिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है।

इसी श्रृंखला में संस्थान द्वारा तीन दिवसीय श्रीहरि कथा का भव्य आयोजन सेक्टर 1बी , वृन्दावन योजना ,ओल्ड लखनऊ पब्लिक स्कूल के पास , डेंटल हॉस्पिटल के पीछे, रायबरेली रोड ,लखनऊ में हो रहा है|  श्री हरी कथा के प्रथम दिवस सर्व श्री आशुतोष जी महाराजी की शिष्या साध्वी शालिनी भारित जी ने भक्त हनुमान जी के जीवन चरित द्वारा समाज में भक्ति के महात्मय को उजागर किया।

संत तुलसीदास जी रामचरितमानस के माध्यम से मानव तन की महिमा के विषय में लिखते है-

बड़े भाग मानुष तन पावा ,सुर दुर्लब सब ग्रन्थहि गावा

साधन धाम पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा।

मनुष्य का तन हमें बड़े भाग्य से मिलता है और यह देवताओं को भी दुर्लभ है। क्योंकि यह ऐसा साधन है जिसके माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। साध्वी जी बताया इस तन के अंतर में ही किस प्रकार भक्ति के मणि मणिको है बस आवश्कता है मनुष्य के भीतर ईश्वर भक्ति की जिज्ञासा होने की।

साध्वी सुदेशना भारती जी ने सुमधुर भजनों द्वारा भक्तो को भावमय किया। वृन्दावन योजन के क्षेत्र निवासियों ने  कथा के प्रथम दिवस बड चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस उपस्थित रहे।

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