मोहनलालगंज के किसान पथ पर हरिकंशगढ़ी के पास 15 मई की तड़के चलती स्लीपर बस में लगी आग में पांच यात्रियों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जेल भेजे गए बस चालक बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शंकर यादव ने पूछताछ में बताया कि बस मालिक ने अधिक पैसे कमाने के लालच में बस को अवैध रूप से मोडिफाई कराया था। इस दौरान दोनों इमरजेंसी गेट बंद कराकर वहां अतिरिक्त सीटें लगवा दी गई थीं।
एसीपी मोहनलालगंज रजनीश कुमार वर्मा ने बताया कि आरोपी बस मालिक की पहचान कर ली गई है। वह मूलरूप से बागपत का निवासी है और फिलहाल दिल्ली में रहता है। उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली गई है और एक पुलिस टीम को दिल्ली रवाना कर दिया गया है। जल्द ही आरोपी बस मालिक और दूसरे चालक की गिरफ्तारी संभव है। विवेचना के बाद एफआईआर में गंभीर धाराएं जोड़ी जाएंगी।
बता दें कि बस में क्षमता से लगभग दोगुना यात्री सवार थे। लापरवाही के चलते जब आग लगी तो यात्री बाहर नहीं निकल सके। हादसे में पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। सभी यात्री बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रहे थे। मामले में बिहार के सीतामढ़ी निवासी राम बालक ने मोहनलालगंज थाने में चालक, परिचालक और ट्रैवल एजेंसी के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मृतकों में राम बालक का चार वर्षीय बेटा देवराज, दो वर्षीय बेटी साक्षी, समस्तीपुर की लख्खी देवी (60), उनकी बेटी सोनी (26) और मधुसूदन कुमार (19) हैं।