लखनऊ: श्रीहरि कथा में भक्त सूरदास के जीवन चरित का वर्णन, भक्त व भगवान के प्रेम को किया उजागर

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लखनऊl सर्व श्री आशुतोष जी महाराजी द्वारा संस्थापित एवम संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा त्रिदिवसीय श्री हरि कथा का भव्य आयोजन सेक्टर 1B वृन्दावन योजना,ओल्ड लखनऊ पब्लिक स्कूल के पास, डेंटल हॉस्पिटल के पीछे ,रायबरेली रोड,लखनऊ में हो रहा हैl

श्रीहरि कथा के तृतीय दिवस सर्व श्री आशुतोष जी महाराजी की शिष्या साध्वी अम्बिका भारती जी भक्त सूरदास जी के जीवन चरित भक्त का भगवान के प्रति प्रेम उजागर कियाl आज समाज में प्रेम के विकृत रूप देखने को मिलते है परन्तु शुद्ध प्रेम भक्तो ने ईश्वर से कियाl

इस प्रेम की पराकाष्ठा को प्राप्त करने हेतु शाश्वत नियम अनुसार भक्त सूरदास जी भी संत वल्भाचार्य की शरण में गएl  तत्पश्चात उन्होंने  गिरिधर गोपाल की लीलाओं का वर्णन अपने कंठ के माध्यम से  कियाl जो कि आज भी सबके लिए प्रेरणादायी हैl

आज भी ईश्वर दर्शन हेतु गुरु की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवन श्री कृष्ण अर्जुन को गीता के माध्यम से समस्त संसार को समझाते हुए कहते हैं-

तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया।

उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः ॥

अर्थात, ब्रह्म- निष्ठ गुरु की शरण में जाकर उन्हें प्रणाम करके उनके समक्ष ईश्वर दर्शन का प्रश्न रखेl

उनसे ब्रह्म ज्ञान (ईश्वर दर्शन) प्राप्त कर उनकी सेवा में लगेl अतः आज आवशकता है ऐसे गुरु की खोज की जो ईश्वर का दर्शन मानव हृदय में करा देl

साध्वी सुदेशना भारती एवम साध्वी शालिनी भारित जी के मंत्रमुग्ध भजनों पर संगत झूम उठी|  वृन्दावन योजना के निवासियों ने  कार्यक्रम की सराहना कीl

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