राजधानी लखनऊ के निगोहां में प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही मायके पक्ष के लोगों ने ससुरालीजनों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उधर प्रसूता के ससुरालीजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं, मृतका के मायके और ससुराल वालों में मारपीट शुरू हो गई।
मारपीट की सूचना पर पहुंची निगोहां पुलिस ने किसी तरह दोनों पक्षों को अलग किया। जिसके बाद महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मायके पक्ष के लोगों ने ससुरालीजनों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की तहरीर पुलिस को दी। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
दयालपुर के मजरा परमेश्वरखेड़ा निवासी मजदूर शैलेन्द्र कुमार की पत्नी प्रेमलता (26) की डिलीवरी होनी थी और शैलेंद्र ने निगोहां कस्बा स्थित पारस हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। जहां मंगलवार की देर रात महिला की हालत बिगड़ने लगी तो डक्टरों ने महिला को रेफर कर दिया। जिसके बाद पति सहित अन्य परिजन एम्बुलेंस से महिला को लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले जाने लगे। मायके पक्ष का आरोप है कि यह लोग एम्बुलेंस को रास्ते मे ही काफी देर तक रुकवाकर अस्पताल का चयन करते रहे। इस दौरान महिला की और तबीयत बिगड़ती गई जिसके बाद वह लोग ओपी चौधरी हॉस्पिटल ले जाने लगे। जहां अस्पताल पहुंचते ही दर्द से कराह रही महिला ने दम तोड़ दिया।
मौत के बाद ससुराल पक्ष के लोग मायके पक्ष को सूचना कर महिला के शव को पारस हॉस्पिटल लेकर लौट आये और हॉस्पिटल पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। वहीं, मौके पर पहुंचे मायके पक्ष के लोगों ने ससुरालीजनों पर समय पर सही इलाज न कराने का आरोप लगते हुए हंगामा कर मारपीट शुरू कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनो पक्षों को समझा बुझाकर अलग किया और कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतका के पिता सुखराम निवासी लोधईखेड़ा बछरावां ने पति शैलेंद्र सहित ससुरालीजनों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले की तहरीर दी। मृतका के एक डेढ़ वर्ष की बेटी पीहू है।