मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होते ही कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। पार्टी को अब अपने ही बागियों से डर सताने लगा है। इसके चलते वो बागियों को मनाने में जुट गई है।
बागियों को मनाने में जुटी पार्टी
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने अपने नेताओं को ये सुनिश्चित करने को बोला है कि सभी बागी नामांकन वापस ले लें और उन्होंने जोर दिया कि राज्य विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी (MVA) सहयोगियों के बीच कोई लड़ाई न हो।
चेन्निथला ने यह भी दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने महायुति सहयोगियों की सीटें पर कब्जा किया है, जबकि विपक्षी MVA ने गठबंधन सहयोगियों के साथ समान व्यवहार किया है।
महायुति और MVA की बढ़ी सिरदर्दी
बता दें कि महाराष्ट्र में प्रमुख राजनीतिक दलों को अपने कार्यकर्ताओं में विद्रोह का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि टिकट से वंचित पार्टी नेताओं ने अपने ही नेतृत्व को चैलेंज कर 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया है,
जो महायुति और एमवीए दोनों के लिए सिरदर्द बन गया है। 4 नवंबर को उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख है और उसके बाद यह साफ हो जाएगा कि मैदान में अभी भी कितने बागी बचे हैं।
कांग्रेस को उम्मीद, बागी नामांकन वापस लेंगे
MVA में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और शरद पवार की NCP (SP) शामिल हैं, जबकि महायुति में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल है।
महाराष्ट्र के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी चेन्निथला ने कहा कि उनकी पार्टी के नेता नसीम खान को समाजवादी पार्टी से बात करने के लिए कहा गया है और उन्हें उम्मीद है कि (बागियों द्वारा नामांकन का) मुद्दा 4 नवंबर तक सुलझ जाएगा।
सपा से भी चल रही बात
उन्होंने कहा कि सभी बागी वापस चले जाएंगे। एमवीए में कोई दोस्ताना लड़ाई नहीं होगी। बालासाहेब थोराट, विजय वडेट्टीवार और नाना पटोले बागियों से बात करेंगे।” उन्होंने कहा, “MVA की सरकार बनाना हमारा लक्ष्य है,” उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्षी सहयोगी राज्य विधानसभा चुनाव अनुशासन के साथ लड़ेंगे।
महायुति गठबंधन को “अजीब” करार देते हुए चेन्निथला ने दावा किया कि भाजपा ने सहयोगी एनसीपी और शिवसेना को आवंटित सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। उन्होंने कहा कि कोई महायुति नहीं है, बल्कि केवल भाजपा ही चुनाव लड़ रही है।