महाराष्ट्र: बीड से व्हेल मछली की उल्टी बरामद, करीब 1.5 करोड़ रुपए है कीमत, 2 लोग गिरफ्तार

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महाराष्ट्र: बीड से व्हेल मछली की उल्टी बरामद, करीब 1.5 करोड़ रुपए है कीमत, 2 लोग गिरफ्तार

बीड: महाराष्ट्र के बीड से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से व्हेल मछली की उल्टी बरामद की गई है। इस उल्टी की कीमत करीब 1.5 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पकड़े गए लोग इस उल्टी को बेचने के लिए बीड में आए थे।

क्या है पूरा मामला?

बीड पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए व्हेल मछली की डेढ़ करोड़ रुपए की उल्टी जब्त की है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम शैलेश शिंदे और विकास मुले बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, दोनों आरोपी व्हेल मछली की उल्टी बेचने के लिए बीड में आए थे। 

पुलिस ने छापा मारकर उन्हें गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से करीब डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य की सामग्री जब्त की। बताया जाता है कि व्हेल मछली की उल्टी, जिसे “एम्बरग्रीस” कहा जाता है, का उपयोग महंगे इत्र और औषधि निर्माण में किया जाता है। 

इसकी ऊंची कीमत के कारण इसकी तस्करी बड़े पैमाने पर की जाती है। फिलहाल बीड के शिवाजीनगर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी इस अवैध व्यापार से कितने समय से जुड़े हुए हैं और इसका नेटवर्क कितना बड़ा है।

व्हेल मछली की उल्टी क्यों होती है महंगी?

व्हेल मछली की उल्टी, जिसे एंबरग्रीस कहा जाता है, बेहद दुर्लभ और मूल्यवान पदार्थ है। यह मुख्य रूप से स्पर्म व्हेल की आंतों में बनता है। यह एक मोम जैसा, राखी-स्लेटी या पीले रंग का ठोस पदार्थ होता है। यह स्पर्म व्हेल की पाचन प्रणाली में उत्पन्न होता है। लहरों और धूप से इसका स्वरूप और सुगंध बदलती रहती है।

इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है। इसका कारण है इसकी दुर्लभता और विशिष्ट सुगंध, जो समय के साथ और भी परिष्कृत होती जाती है। कुछ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसे कामोत्तेजक या तनाव-निवारक माना गया है। भारत में व्हेल को संरक्षित प्रजाति माना जाता है, इसलिए एंबरग्रीस का संग्रह या बिक्री प्रतिबंधित है। 

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