मराठा योद्धा रघुजी भोसले की तलवार लंदन से आएगी वापस, नीलामी में सरकार ने 47.15 लाख रुपए में खरीदा

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मराठा योद्धा रघुजी भोसले की तलवार लंदन से आएगी वापस, नीलामी में सरकार ने 47.15 लाख रुपए में खरीदा

नागपुरः  महाराष्ट्र सरकार ने लंदन में एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में मराठा योद्धा रघुजी भोसले प्रथम की ऐतिहासिक तलवार को खरीद लिया है। इसके बाद भोंसले घराने के संस्थापक राजे रघु जी भोसले की स्वर्ण जड़ित तलवार अब भारत आएगी। जानकारी के अनुसार, अंग्रेजों द्वारा 1817 में राजा रघु जी भोसले का खजाना लूट गया था। इस लूट में भोंसले घराने के संस्थापक राजे रघु जी भोसले की स्वर्ण जड़ित तलवार भी इंग्लैंड भेज दी गई थी। अचानक सोथबीज संग्रहालय ने उस तलवार की नीलामी का निर्णय लिया।

नीलामी में 47.15 लाख रुपए में खरीदा

जैसे ही इसकी खबर नागपुर पहुंची तो राजे भोंसले परिवार में हलचल मच गई। राज परिवार सहित अनेक लोगों की भावना थी कि तलवार वापस महाराष्ट्र आनी चाहिए। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संदर्भ में तत्काल कदम उठाए और तलवार को नीलामी में सरकार ने 47.15 लाख रुपए की बोली लगाकर खरीद लिया।

रघुजी भोसले ने किया था मराठा साम्राज्य का विस्तार

बता दें कि रघुजी भोसले ने 1740 में बंगाल के नवाबों के खिलाफ सैन्य अभियान का नेतृत्व किया। जिससे मराठा साम्राज्य का विस्तार बंगाल, उड़ीसा तक हो गया था। उन्होंने दक्षिण भारत में अपना सैन्य और राजनीतिक प्रभुत्व भी स्थापित कर लिया था। इस तलवार को एक मध्यस्थ के माध्यम से खरीदा गया। राज्य सरकार इसके लिए 47 लाख उपलब्ध कराएगी।

अंग्रेज लूट लिए थे तलवार

यह तलवार मराठा शैली की उत्कृष्ट नमूना है। सन 1817 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर में भोंसले का खजाना लूट लिया था। इस लूट में भोंसले राजघराने के ऐतिहासिक तलवार भी ब्रिटिश अधिकारी लूट कर ले गए। यह तलवार लंदन में ऐतिहासिक शास्त्रों को जतन करने वाले सोथबी के नीलामी के लिए निकली थी। एक वेबसाइट पर इसकी नीलामी की जानकारी वायरल हुई। उसको वापस लाने के प्रयास काफी समय से चल रही थी।

सोमवार को नागपुर में रहने वाले और रघुजी राजे के वंशज मुधोजी भोसले ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री और संस्कृति मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि तलवार को महाराष्ट्र में वापस लाया जाए, जो उसका असली घर है। पत्र के बाद सूत्रों ने पुष्टि की कि इस मामले पर चर्चा करने के लिए 29 अप्रैल को सुबह 1.50 बजे मुधोजी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के बीच फोन पर बात हुई।

 

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