सिविल लाइन क्षेत्र की एक युवती को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में छह साल बाद सिविल लाइन पुलिस ने एसएसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की है। युवती के परिजनों ने गुरुवार को एसएसपी कार्यालय पर हंगामा किया और किसी अनहोनी की आशंका जताई। इसके बाद छांगुर बाबा के सहयोगी बदर अख्तर सिद्दीकी और उसके पिता महमूद अख्तर सिद्दीकी के खिलाफ अपहरण और जबरन धर्मांतरण सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
परिजनों का आरोप है कि बदर अख्तर सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी की कई युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर धर्म परिवर्तन कराया और उनका शोषण किया। छह साल पहले जब यह घटना हुई थी, उस वक्त सिविल लाइन थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर (वर्तमान में गाजियाबाद क्राइम ब्रांच प्रभारी) अब्दुर रहमान ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। अब मेरठ एसएसपी की रिपोर्ट के आधार पर गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के संजय नगर निवासी युवक ने गुरुवार को अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंच कर बताया कि उसकी बहन की मुलाकात किदवई नगर, इस्लामाबाद (थाना लिसाड़ी गेट) निवासी एलआईसी एजेंट महमूद अख्तर सिद्दीकी से हुई थी। बीमा के लिए युवती के दस्तावेज भी महमूद ने लिए थे। इसके बाद महमूद के बेटे बदर अख्तर सिद्दीकी के फोन आने शुरू हो गए। बदर ने युवती को परिवार की मर्जी के खिलाफ अपने साथ ले गया।
मई 2019 में युवती की मां को फोन आया और युवती ने मारपीट की जानकारी दी। बदर ने युवती की हत्या की कोशिश भी की थी। उसने कांच की बोतल से युवती के सिर पर हमला किया, जिसकी तस्वीर युवती ने अपनी मां को व्हाट्सएप पर भेजी थी। मां ने सारी बातें अपने फोन में रिकॉर्ड की थीं। 22 दिसंबर 2019 को युवती के घर दो युवक आए, जिन्होंने खुद को बजाज फाइनेंस कंपनी से बताया। उन्होंने कहा कि युवती ने एलईडी और आईफोन फाइनेंस पर लिया है, लेकिन किश्तें नहीं भर रही है। पता नोएडा का बताया गया, लेकिन वहां वह नहीं रहती। वर्ष 2019 में तत्कालीन इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे परिजनों की उम्मीद टूट गई थी।
ऐसे संपर्क में आई युवती
परिवार ने एसएसपी डॉ. विपिन ताडा को बताया कि वर्ष 2009 में युवती मेरठ के एक कॉल सेंटर में काम करती थी, वहीं उसकी पहचान बदर अख्तर सिद्दीकी से हुई। इसके बाद उसने दिल्ली हाईवे स्थित एक मेडिकल कॉलेज में और फिर 2015 में नोएडा के एक मीडिया ग्रुप में नौकरी की। आरोप है कि बदर ने युवती का अपहरण कर उसका धर्म परिवर्तन कर निकाह किया। अब पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
सरूरपुर में भी हैं दो मुकदमे दर्ज
बलरामपुर में छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद बदर अख्तर सिद्दीकी चर्चा में आया। वह गिरोह के लिए युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन करा रहा था। उसके खिलाफ सरूरपुर थाने में 2019 में दो मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें एक युवती को अगवा करने के आरोप हैं। पीड़िता के परिजन भी उसकी बरामदगी की मांग कर रहे हैं। दिल्ली के विजयनगर थाने में भी उसके खिलाफ एक मामला दर्ज है। मेरठ पुलिस न केवल बदर की तलाश कर रही है, बल्कि उसके पासपोर्ट को रद्द कराने की कार्रवाई भी कर रही है।
क्या बोले अधिकारी
“तत्कालीन इंस्पेक्टर सिविल लाइन अब्दुर रहमान की रिपोर्ट गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर को भेजी गई है। आरोपी पिता-पुत्र की तलाश के लिए पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं। उसका पासपोर्ट भी निरस्त कराया जाएगा।”
– डॉ. विपिन ताडा, एसएसपी मेरठ
“मेरठ पुलिस की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। परिजनों ने बदर अख्तर सिद्दीकी और छांगुर गिरोह के बीच संबंध और निरीक्षक से उसकी नजदीकी का भी आरोप लगाया है। मामले की जांच मेरठ पुलिस कर रही है। फिलहाल इंस्पेक्टर अब्दुर रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है।”
– आलोक प्रियदर्शी, अपर पुलिस आयुक्त (अपराध), गाजियाबाद