अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) द्वितीय घनेंद्र कुमार की अदालत ने बृहस्पतिवार को युवती से दुष्कर्म के मामले में मुलजिम फैजी को दोषी करार देते हुए 15 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में पांच आरोपी साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिए।
ठाकुरद्वारा थानाक्षेत्र के गांव निवासी ग्रामीण ने 25 मई 2022 को गंज मसतल्लीपुर निवासी फैजी, उसके पिता इंतेजाम अली, भाई रुमान, रुमान की पत्नी इरम, बिजनौर के स्योहारा थानाक्षेत्र के सहसपुर निवासी जावेद, छोनिया के खिलाफ केस दर्ज कराया था जिसमें उसने बताया कि आरोपी फैजी ने उसकी बेटी को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया।
इससे पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता ने शादी करने के लिए दबाव बनाया तो आरोपी ने इन्कार कर दिया। पीड़िता आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही तो फैजी शादी के लिए तैयार हो गया था। दोनों पक्षों की मौजूदगी में 15 मई 2022 को शादी करने की बात तय गई लेकिन फैजी और उसके परिजन बरात लेकर नहीं गए।
पीड़िता और उसके पिता आरोपी के घर पहुंचे तो फैजी घर से गायब था। पूछताछ करने पर आरोपी फैजी के परिजन इंतेजाम अली, रुमान, इरम, जावेद और छोनिया ने उनके साथ मारपीट की धमकी देकर घर से भगा दिए। पुलिस ने आरोपी फैजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस की ओर से 23 मार्च 2023 को आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) द्वितीय घनेंद्र कुमार की अदालत में चली। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैजी को दुष्कर्म में दोषी करार देते हुए 15 साल की सजा सुनाई है जबकि 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जुर्माने की धनराशि जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा अदालत ने आदेश दिए हैं कि जुर्माने की धनराशि से आधी रकम पीड़िता को दी जाएगी। इस मामले में आरोपी बनाए गए बाकी पांच आरोपियों के खिलाफ कोई साक्ष्य न मिलने के कारण उन्हें बरी कर दिया गया है।