”जो चप्पल उतरवाकर घर में देते हैं एंट्री, उनपर भरोसा ना करें मुसलमान”, बिना नाम लिए ओवैसी ने की अपील

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”जो चप्पल उतरवाकर घर में देते हैं एंट्री, उनपर भरोसा ना करें मुसलमान”, बिना नाम लिए ओवैसी ने की अपील

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सियासी दलों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच, AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने INDIA TV से खास बातचीत की। इसमें ओवैसी ने फिर दोहराया कि जब साढ़े 3 फीसदी वाले मल्लाह का डिप्टी सीएम हो सकता है तो हम मुसलमानों का उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं हो सकता। मुसलमान कब तक इन लोगों की दरी बिछाने का काम करेगा। इस खबर में पढ़िए कि दूसरे चरण की वोटिंग से पहले असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी यादव और कांग्रेस को किन मुद्दों पर घेरा।

ओवैसी ने क्यों कही चप्पल उतरवाने वाली बात?

असदुद्दीन ओवैसी से जब पूछा गया कि आप तो कहते हैं कि मुसलमान दरी बिछा रहा है तो इसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने बिना नाम लिए RJD पर निशाना साधा और कहा कि मुसलमान अब तक ऐसे लोगों को वोट देता हुआ आ रहा है जो उसे अपने घर में चप्पल उतरवाकर ही एंट्री देते हैं। उनके सामने मुसलमान नजरें झुकाए रहता है। मेरी मुसलमानों से अपील है कि ऐसे लोगों पर भरोसा ना करें। दरी बिछाने का काम ना करें। मुसलमानों के विकास के लिए अपनी लीडरशिप होना बहुत जरूरी है।

मुस्लिम डिप्टी सीएम क्यों नहीं हो सकता?

बातचीत में ओवैसी ने मुकेश सहनी के नाम का डिप्टी सीएम के तौर पर ऐलान करने का मुद्दा भी उठाया। ओवैसी ने कहा कि जब साढ़े 3 फीसदी वोट वाले समाज का डिप्टी सीएम हो सकता है तो मुसलमानों का डिप्टी सीएम घोषित करने में महागठबंधन को क्या तकलीफ है। मुसलमानों को भरोसा करना होगा कि वे अपनी लीडरशिप भी खड़ी कर सकते हैं। आप एक बार AIMIM को वोट देकर देखें।

महागठबंधन से सीटों पर क्यों नहीं बनी बात?

असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन से अलायंस ना हो पाने वाली बात का भी जिक्र किया। ओवैसी ने कहा कि मैंने तो खुद लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखकर गठबंधन की बातचीत बढ़ाने को लेकर कहा था। जब तेजस्वी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे तो इस बारे में पता ही नहीं. मुझे तो खत नहीं लिखा गया। ओवैसी ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता था कि पिता को लेटर लिखने के बाद बेटे को भी चिट्ठी अलग से लिखनी पड़ेगी। आखिर में ओवैसी ने अपील करते हुए कहा कि इस बार मुस्लिम समाज एकजुट होकर AIMIM को जिताए। मुसलमानों को अपना नेतृत्व बनाना है।

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