बेंगलुरु। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बेंगलुरु में एक महिला के यौन उत्पीड़न को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर सफाई दी है। गृह मंत्री ने कहा, उनके बयान को ठीक से नहीं समझा गया और उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने आगे कहा, अगर मेरे बयान से किसी को तकलीफ पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।
परमेश्वर ने बार-बार कहा कि वह महिलाओं को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के महत्व में विश्वास करते हैं और गृह मंत्री के रूप में वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस संबंध में उन्होंने कई कदम उठाए हैं।
क्या था गृह मंत्री का विवादित बयान?
3 अप्रैल को सुड्डागुंटेपल्या में पैदल चलने के दौरान एक महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी। इस घटना पर गृह मंत्री परमेश्वर ने टिप्पणी की थी। गृह मंत्री ने कहा था- ‘पुलिस बारिश और ठंड का सामना करते हुए लगातार चौबीसों घंटे काम कर रही है। यही कारण है कि बेंगलुरु में शांति है। बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इस तरह की घटनाएं यहां-वहां होती रहती हैं।
NCW अध्यक्ष ने भी मांगी माफी
इस बयान ने विवाद पैदा कर दिया था, जिसकी विपक्षी भाजपा ने कड़ी आलोचना की थी और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी गृह मंत्री के बयान को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।
वहीं NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर के निर्देश पर, आयोग ने बेंगलुरु में छेड़छाड़ मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा की गई असंवेदनशील टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है।
सफाई में क्या बोले गृह मंत्री?
अपने इस बयान पर सफाई देते हुए परमेश्वर ने अब कहा है, ‘कल मेरे बयान को आप (मीडिया) ने ठीक से नहीं समझा और दूसरे प्लेटफॉर्म ने भी इसे अलग तरह से समझा। मैं हमेशा महिलाओं की सुरक्षा के पक्ष में हूं।
गृह मंत्री के तौर पर मैंने निर्भया योजना जैसे कई कार्यक्रम लागू किए हैं। दूसरे राज्यों की तुलना में हमने निर्भया फंड पर ज्यादा खर्च किया है और केंद्र सरकार के साथ मिलकर इसे लागू किया है। मैं किसी दिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए गए कामों को साझा करना चाहूंगा।’
हमारी बहनों के लिए मैंने…
यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘किसी बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करना और मेरे बारे में बोलना ठीक नहीं है। मेरा मानना है और मैंने महिलाओं – हमारी बहनों और माताओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं।