महोबा जिले में कोतवाली क्षेत्र के कालीपहाड़ी गांव में नौ साल पहले हुई ग्रामीण की हत्या का बदला हत्या कर लिए जाने का मामला सामने आया है। 50 रुपये के विवाद में ग्रामीण की जिस स्थान हत्या की गई थी। उसी स्थान पर सोमवार की रात विपक्षियों ने आरोपी युवक पर धारदार हथियार से हमला कर मौत की नींद सुला दिया। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पहुंच जांच की। पुलिस आरोपियाें की तलाश कर रही है।
कालीपहाड़ी गांव निवासी बृजेंद्र राजपूत (45) ने जयपाल से 50 रुपये लिए थे। रुपये वापस मांगने पर बृजेंद्र ने देने से मना कर दिया। रुपयोंं के लेनदेन को लेकर हुए विवाद में वर्ष 2016 में जयपाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बृजेंद्र को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। पिछले साल वह हाईकोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर आया था। घटना के बाद से परिवार के लोग कालीपहाड़ी गांव छोड़कर 30 किमी दूर चरखारी में रहने लगे थे।
कालीपहाड़ी गांव के पास पड़ा मिला शव
बृजेंद्र के जेल जाने पर उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था। जेल से छूटने के बाद बृजेंद्र अपने पिता परशुराम राजपूत के साथ रहने लगा था। सोमवार की सुबह बृजेंद्र शराब बेचने के मामले में चल रहे मुकदमे की तारीख के लिए महोबा न्यायालय आया था। देर शाम तक वह घर नहीं पहुंचा। वकील से जानकारी करने पर पता चला कि वह शाम को ही निकल गया। पिता परशुराम ने बताया कि बेटे के घर न आने पर उन्होंने खोजबीन की। बाद में जानकारी हुई कि कालीपहाड़ी गांव के पास एक शव पड़ा है।
पिता का आरोप- जयपाल के बेटों ने की है हत्या
पुलिस भी मौके पर पहुंची, तो गांव के बाहर खून मिला। कुछ दूरी पर बृजेंद्र का शव बरामद हुआ। शरीर में धारदार हथियार से हमले के निशान मिले और सिर भी पत्थर से कुचला था। पिता ने बताया कि शव उसी स्थान पर मिला, जहां पूर्व में जयपाल की हत्या हुई थी। पिता का आरोप है कि उसके बेटे की हत्या जयपाल के बेटाें और भतीजों ने की है। सूचना पर एसपी प्रबल प्रताप सिंह व अपर एसपी वंदना सिंह ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

