वक्फ बिल जबरन पारित कराने वाले सोनिया के बयान पर भड़के ओम बिरला, बताया संसदीय गरिमा के खिलाफ

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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को जबरन पारित कराए जाने वाले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भड़क गए। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि सदन की कार्यवाही के दौरान एक वरिष्ठ सदस्य का ऐसे आक्षेप लगाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। यह संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ है।

गुरुवार को कांग्रेस संसदीय पार्टी (CPP) की आम सभा की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा था कि कल लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पारित हो गया और इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है।

इस विधेयक को जबरन पारित कराया गया। हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर एक हमला है। यह हमारे समाज को स्थायी रूप से ध्रुवीकृत रखने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने यह मुद्दा उठाया। साथ ही इस पर निर्णय देने की मांग की।

इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य, जो इस सदन के सदस्य रहे हैं और वर्तमान में दूसरे सदन के सदस्य हैं, ने संसद भवन परिसर में टिप्पणी की कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को जबरन पारित किया गया।

उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में 13 घंटे और 53 मिनट तक बहस हुई, जिसमें विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने भाग लिया। विधेयक पर तीन बार मत विभाजन हुआ और इसे सदन के नियमों के अनुसार पारित किया गया।

इसलिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन के देर रात तक बैठने और लंबी बहस के बाद विधेयक पारित करने के बावजूद एक वरिष्ठ सदस्य सदन की कार्यवाही पर संदेह कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। यह संसदीय लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ है।

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