फिरोजाबाद के परिषदीय विद्यालयों को सरकार निपुण कर वाहवाही लूट रही हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है। हालत यह है कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे गणित में कमजोर हैं। हाल ही में आई राष्ट्रीय सर्वेक्षण (परख) रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जिले में कक्षा 3 से 5 तक के करीब 38.20 फीसदी बच्चे और कक्षा 6 से 8 तक के 46 फीसदी बच्चे गणित के बुनियादी सवालों को हल करने में अक्षम हैं और उन्हें दस तक के पहाड़े तक नहीं आते हैं।
यह रिपोर्ट स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का आंकलन करती है। इसके अनुसार, प्रदेश के औसत 52.70 फीसदी की तुलना में फिरोजाबाद के कक्षा 3 से 5 के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 61.80 फीसदी सफलता दर पाई है। लेकिन इसका मतलब यह भी है कि हर 10 में से लगभग 4 बच्चे ऐसे हैं जो साधारण गणितीय सवालों को नहीं सुलझा पा रहे।
उच्च प्राथमिक स्तर यानी कक्षा 6 से 8 के बच्चों का प्रदर्शन भी चिंताजनक है। यहां 54 फीसदी बच्चे ही गणित में बेसिक दक्षता हासिल कर सके हैं, जबकि 46 फीसदी बच्चे अब भी पीछे हैं। हालांकि प्रदेश स्तर पर यह औसत 49.40 फीसदी ही है, फिरोजाबाद की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है, लेकिन चिंता की बात यह है कि लगभग आधे बच्चे अभी भी गणित में कमजोर हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार पांडेय ने बताया कि निपुण भारत योजना के तहत गणित और भाषा के स्तर को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। बीते दो वर्षों में जिले के 875 स्कूलों को ‘निपुण स्कूल’ घोषित किया गया है।