आगरा में आलू बीज वितरण में हुए भ्रष्टाचार की परतें धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं। वितरण के लिए आया कुफरी बहार किस्म का बीज वीआईपी यानी जनप्रतिनिधि डकार गए। उन्हें एक फोन कॉल पर 100 क्विंटल तक बीज मिल गया, जबकि 10-10 क्विंटल बीज के लिए एडवांस पैसे जमा करने वाले वाले छोटे किसान खाली हाथ रह गए। 1300 से अधिक किसानों ने उद्यान अधिकारियों के पास एक करोड़ से अधिक रुपये जमा कराए थे, लेकिन एक हजार किसानों को बीज ही नहीं मिला। अब ये किसान अपने रुपये वापस पाने के लिए भटक रहे हैं।
जिले में 4300 क्विंटल आलू बीज आवंटित हुआ था। 1300 से अधिक किसानों ने बीज खरीद के लिए आवेदन किया और एक करोड़ रुपये से अधिक जमा कराए। हालांकि, जब बीज बांटने की बारी आई तो किसानों पर वीआईपी भारी पड़ गए। विभागीय सूत्र बताते हैं कि 14 जनप्रतिनिधियों ने आलू का कुफरी बहार बीज लिया है। किसी को 50 क्विंटल तो किसी को 100 क्विंटल बीज मिला।
वहीं रकम जमा कराने वाले 1300 से अधिक किसानों में से करीब हजार किसान बीज के लिए भटक रहे हैं। उन्हें जमा की गई रकम भी वापस नहीं मिली। ऐसे में किसानों को मेहनत की कमाई डूबने का डर सता रहा है। जिले में 1.20 लाख से अधिक आलू किसान हैं। बीज वितरण में हुई धांधली सामने के बाद से किसानों में आक्रोश है।
सब्जी बीज के नाम पर फर्जीवाड़ा
उद्यान विभाग ने आलू बीज खरीदने वालों किसानों के सामने सब्जी बीज खरीदने की शर्त रखी गई। किसान कहते रहे कि आलू और सब्जी की फसल एक साथ नहीं कर सकते, लेकिन उद्यान अधिकारी नहीं मानें। सब्जी बीज के नाम पर किसी से 500 से 2500 रुपये तक अतिरिक्त वसूले गए। जबकि, सब्जी का बीज वितरण के लिए आया ही नहीं। ऐसे में सब्जी बीज के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े की आशंका है।
पांच के निलंबन से काम ठप
आलू बीज वितरण में धांधली पर उप निदेशक उद्यान धर्मपाल यादव, उप निदेशक आलू नीरज कुमार कौशल, जिला उद्यान अधिकारी बैजनाथ सिंह, वितरण प्रभारी संजीव यादव, कनिष्ठ सहायक सुनील कुमार को निलंबित किया जा चुका है। अधिकारियों समेत पांच के निलंबन से उद्यान विभाग में तीन दिन से काम ठप है। बीज नहीं मिलने पर किसान रकम वापसी के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं है।
कुफरी बहार समेत आठ किस्म का बीज आया
जिले में आलू की कुफरी बहार किस्म किसानों में सर्वाधिक प्रचलित है। अधिक पैदावार और मध्यम आकार की वजह से यह पहली पसंद है। कुफरी बहार के अलावा इस साल कुफरी चिपसोना, कुफरी मोहन, कुफरी ख्याति, कुफरी गंगा, कुफरी संगम, कुफरी नीलकंठ का आवंटन जिले में हुआ था।
वापस कराएंगे पैसा
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि जिन किसानों को बीज नहीं मिला, उनका पैसा वापस कराया जाएगा। सब्जी बीज के नाम पर हुई वसूली की भी जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर कार्रवाई भी होगी।
मेरे 45 हजार रुपये फंसे
रुनकता निवासी नेत्रपाल सिंह ने बताया कि 45 हजार रुपये 15 क्विंटल बीज खरीद के लिए जमा कराए थे। सिर्फ छह क्विंटल बीज मिला। मेरी मेहनत की रकम फंस गई। अफसर निलंबित हो चुके हैं। पता नहीं अब बाकी रकम कब मिलेगी।
सब्जी के नाम पर 4000 वसूले
खंदौली के किसान महाराज सिंह का कहना है कि 5 क्विंटल कुफरी बहार बीज के लिए आवेदन किया था। 10,200 रुपये का बीज होता है। मुझसे 4000 रुपये सब्जी बीज के नाम पर वसूल लिए। कोई बीज नहीं मिला।
वीआईपी डकार गए मेरा हक
सुनारी के रहने वाले किसान निरंजन सिंह ने बताया कि 10 क्विंटल बीज के लिए 27,100 रुपये जमा कराए थे। बीज नहीं मिला। वीआईपी मेरा हक डकार गए। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

