राशन घोटाला: बढ़ सकती है पूर्व एडीएम की मुश्किल, 30 से अधिक पूर्ति अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार

2 Min Read
राशन घोटाला: बढ़ सकती है पूर्व एडीएम की मुश्किल, 30 से अधिक पूर्ति अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार

आगरा में हुए राशन घोटाले में तत्कालीन एडीएम नागरिक आपूर्ति सुशीला अग्रवाल की मुश्किल बढ़ सकती है। इन पर भूमाफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया गया था। शासन से गठित दो सदस्यीय समिति शुक्रवार को मामले की जांच करने आगरा आ रही है। वह बयान लेने के साथ ही अभिलेखों की जांच कर साक्ष्य भी जुटाएगी। खाद्यान्न घोटाले में 30 से अधिक पूर्ति अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है।

सीबीसीआईडी ने 110 मुकदमों की जांच के बाद शासन में रिपोर्ट भेजी है। दूसरी तरफ आगरा में घोटाले और जांच के बाद भी राशन की कालाबाजारी नहीं रुकी। घोटाले में आगरा में 19 केस दर्ज हुए थे। 15 की जांच पूरी हो गई, लेकिन कालाबाजारी पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जिले में दर्ज 54 मुकदमों की जांच एक साल से अधूरी है। आरोप है कि आगरा से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों तक राशन माफिया का नेटवर्क फैला है।

कालाबाजारी गैंग में 500 से अधिक लोग शामिल हैं। जिनमें 250 फेरी वाले हैं। जो घर-घर जाकर मुफ्त बंटने वाले राशन के चावल को 5 रुपये किलो में खरीदकर 15 से 20 रुपये किलो में गैर राज्यों में बेचते थे। गैर राज्यों से फिर वही चावल खाद्यान्न खरीद के नाम पर यूपी में पहुंचता था।

इस गैंग के सरगना सुमित अग्रवाल पर छह से अधिक केस दर्ज हैं। सुमित अग्रवाल से तत्कालीन एडीएम सुशीला अग्रवाल से मिलीभगत के आरोप हैं। गैंग में राशन माफिया के अलावा कोटेदार, एफसीआई गोदाम के ठेकेदार और पूर्ति विभाग कर्मियों की मिलीभगत है। 54 मुकदमों में 70 से अधिक आरोपी नामजद हैं। लेकिन, पुलिस व प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के कारण जिले में राशन की कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लग सका।

Share This Article
Leave a Comment

Please Login to Comment.

Exit mobile version