Rolls-Royce भारत को बनाएगा अपना तीसरा होम मार्केट, देश में बड़े निवेश की तैयारी

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Rolls-Royce भारत को बनाएगा अपना तीसरा होम मार्केट, देश में बड़े निवेश की तैयारी

ब्रिटेन की अल्ट्रा लग्जरी कार मेकर और एयरो-इंजन मैन्यूफैक्चरर रॉल्स रॉयस भारत में अपने बिजनेस एक्सपेंशन को लेकर काफी गंभीर हो रहा है। रॉल्स रॉयस ने रविवार को कहा कि वो भारत को ब्रिटेन के बाहर अपना तीसरा ”होम मार्केट” बनाने पर विचार कर रहा है। ये योजना जेट इंजन, नेवल प्रोपल्शन, लैंड सिस्टम और एडवांस्ड इंजीनियरिंग समेत कई सेक्टरों में मौजूद मौकों का फायदा उठाने के लिए तैयार की गई है। रॉल्स रॉयस इंडिया के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट साशी मुकुंदन ने कहा कि कंपनी भारत में बड़े निवेश की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि नई जनरेशन के एयरो इंजन को भारत में डेवलप करना प्राथमिकता है, ताकि एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम के तहत भारत में बनने वाले फाइटर जेट को शक्ति दी जा सके। 

ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी को अपना होम मार्केट मानती है कंपनी

ब्रिटेन के अलावा रॉल्स रॉयस अमेरिका और जर्मनी को भी अपना ”होम मार्केट” मानती है, क्योंकि इन दोनों देशों में कंपनी की मजबूत मौजूदगी है, जिसमें मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज भी शामिल हैं। मुकुंदन ने ये भी बताया कि रॉल्स रॉयस भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि एएमसीए के लिए जेट इंजन के डेवलपमेंट में रॉल्स रॉयस की भागीदारी से भारत को नेवल प्रोपल्शन के लिए भी इंजन बनाने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के पास स्केल, पॉलिसी क्लैरिटी और डिफेंस तथा इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम को मजबूत करने की स्पष्ट दिशा है।

भारत में बड़े निवेश की तैयारी में जुटी हुई है कंपनी

मुकुंदन ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये एक बड़ा निवेश होगा, इतना बड़ा कि लोगों की नजर इस पर जाएगी, लेकिन उन्होंने इसकी राशि बताने से इनकार किया। उनके अनुसार इस निवेश का असली महत्व इसके प्रभाव में है, जिससे कंपनी जिन सेक्टरों में काम करती है वहां पूरी वैल्यू चेन और इकोसिस्टम का डेवलपमेंट होगा। रॉल्स रॉयस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि कंपनी भारत की दो डिफेंस पीएसयू के साथ दो समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप देने जा रही है। एक समझौता अर्जुन टैंक के लिए इंजन बनाने से जुड़ा होगा, जबकि दूसरा भविष्य के लिए तैयार युद्धक वाहनों के लिए इंजनों से संबंधित होगा।

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