बाढ़ में रील बनाने के दौरान डूबे दो दोस्तों के शव सोमवार को बरामद कर लिए गए। शव देख उनके परिजन बिलख पड़े। मां और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया। इसके बाद परिजनों के सौंप दिए गए। शाहजहांपुर में बाढ़ में रील बनाने के दौरान बहे दो दोस्तों के शव 24 घंटे बाद हादसास्थल से 50 मीटर दूर करीब 15 फुट गहरे गड्ढे से मिले। दोनों दोस्तों के शवों को देख उनके परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। रविवार को दिन में करीब 11 बजे तिलहर थाना क्षेत्र के घुसवारी गांव निवासी 17 वर्षीय कमल कुमार गांव के ही रहने वाले अपने दोस्त 19 वर्षीय रिंकू, छोटे, वीरेंद्र, ब्रजेश के साथ बाइक से शाहजहांपुर में आई बाढ़ देखने के लिए आए थे। कमल व रिंकू रील बनाने के दौरान बाढ़ में बह गए थे। एसपी राजेश द्विवेदी ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
पीएसी और एसडीआरएफ की टीम दोनों दोस्तों की तलाश में लगाई, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। पूरी रात दोनों के परिजन घटनास्थल के पास ही बैठे रहे। ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना करते रहे। सोमवार सुबह होते ही एक बार फिर टीमों ने स्टीमर से दोनों दोस्तों की तलाश शुरू कर दी। करीब 11 बजे सबसे पहले रिंकू का शव 15 फुट गहरे गड्ढे से मिला। फिर 20 मिनट बाद कमल का शव भी उसी स्थान से मिल गया। इंस्पेक्टर अरविंद सिंह ने बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
रिंकू के लिए देखा जा रहा था रिश्ता
रिंकू के परिजनों ने बताया कि वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसके पिता श्रीराम की 20-22 साल पूर्व हुए विवाद में हुई मारपीट में मौत हो गई थी। रिंकू के लिए रिश्ता देखा जा रहा था, लेकिन अभी उसकी शादी तय नहीं हुई थी। दिल्ली से लौटकर आए अरविंद ने बताया कि भाई रिंकू घरवालों को बिना बताए निकला था। दिन में एक बजे उसके दोस्तों से घटना की जानकारी हुई। रिंकू के शव को देख उसकी बहनों का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया।
मां रामश्री ने कहा- कहां लेकर चले दिए मेरे लाडले को…
कमल के परिजनों ने बताया कि उसकी मां रामश्री शनिवार को मिर्जापुर के ढाईघाट स्नान करने के लिए गईं थीं। रविवार की सुबह वह लौटीं तो कमल ने अपनी मां से टहलने जाने की बात कही। रामश्री ने बेटे को प्रसाद खिलाया और उसे खाने-पीने के लिए 60 रुपये दिए। करीब एक घंटे बाद कमल के डूबने की खबर मिली तो परिवार में कोहराम मच गया।
परिजनों ने बताया कि मृतक के पिता श्रीपाल की सात साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। कमल चार भाइयों में छोटा था। कमल के शव को देख उसकी मां रामश्री बिलख पड़ीं। बोलीं- कहां लेकर चल दिए मेरे लाडले को, जी भरकर देख तो लेने दो। मेरा लाल कहां चला गया तू। कमल के शव को देखकर उसकी बहन पिंकी व पूजा रोते-रोते कई बार बेहोश हुईं। परिवार के लोगों ने सभी को संभाला और दिलासा दिया।

