एकनाथ शिंदे मुंबई के दादर में कल यानी 14 जुलाई 2025 को एक बैठक हुई जिसका नेतृत्व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने किया। दरअसल यह बैठक हाल फिलहाल में हुई घटनाओं पर चर्चा करने के लिए हुई थी। इस बैठक में मीडिया को एंट्री नहीं मिली थी। इस बैठक के बाद सुत्रों से जो जानकारी मिली उसके मुताबिक इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने वीडियो को लेकर विवाद में आए संजय गायकवाड़ और संजय सिरसाट को फटकार लगाई। आइए आपको बताते हैं कि बैठक में उपमुख्यंमत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा।
एकनाथ शिंदे ने बैठक में क्या कहा? उस बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘लोग इस तरह की घटनाओं को लेकर आप पर नहीं, मुझ पर उंगली उठाते हैं और सवाल मुझसे पूछा जाता है कि आपके विधायक क्या कर रहे हैं। आप सभी लोग मेरे अपने हैं और आपकी बदनामी मतलब मेरी बदनामी इसलिए आप सभी गलत चीजों में अपना समय बर्बाद न करें। आप कम बोलें और काम ज्यादा करें।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इस प्रकार की घटनाओं की वजह से कुछ मंत्रियों को घर भी जाना पड़ सकता है। मुझे आप लोगों पर कार्रवाई करना अच्छा नहीं लगता लेकिन ऐसी गैर-जिम्मेदाराना हरकत होती रही तो फिर मुझे कदम उठाने पड़ेंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के नेताओं को सतर्क रहने और अपने सार्वजनिक जीवन में एक अनुशासन रखने की बात कही।
आखिर क्या है यह पूरा मामला? आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही मारपीट की एक घटना हुई थी। दरअसल शिवसेना शिंदे गुट के नेता और बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने आकाशवाणी MLA हॉस्टल में कैंटीन के कर्मचारी की पिटाई कर दी थी। विधायक संजय गायकवाड़ ने खाने का ऑर्डर दिया था। उनका आरोप था कि उन्हें जो खाना दिया गया था वह बहुत ही खराब था। PTI के मुताबिक, घटना के बाद विधायक ने कहा है कि उन्हें परोसा गया भोजन घटिया क्वालिटी का था।
इस मामले में मुख्यमंत्री ने कही थी यह बात शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मी से मारपीट की घटना को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में बयान दिया था। उन्होंने मारपीट की घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है और किसी के लिए भी सम्मानजनक नहीं है। सीएम फडणवीस ने कहा कि एक विधायक के रूप में गायकवाड़ के कार्यों ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। सीएम फडणवीस ने विधान परिषद के सभापति और विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले का संज्ञान लेने और विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लेने की अपील की थी।

