अस्पताल ने सौंपा पिता का शव, अंतिम दर्शन के दौरान चेहरे से कपड़ा हटाया तो पैरों तले खिसक गई जमीन

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अस्पताल ने सौंपा पिता का शव, अंतिम दर्शन के दौरान चेहरे से कपड़ा हटाया तो पैरों तले खिसक गई जमीन

लुधियाना के एक प्राइवेट अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल प्रशासन ने मृतक के परिवार को उनके पिता की जगह एक महिला का शव पैक करके दे दिया। लेकिन अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे परिवार को जब ये पता चला तो सब हैरान रह गए। परिवार से कहा गया था कि शव की पैकिंग को खोलना मत इस पर दवा लगाई गई है। इस घटना के बाद परिवार ने अस्पताल पर भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक लुधियाना के दुगरी इलाके में स्थित दीपक अस्पताल नामक एक प्राइवेट अस्पताल में गंभीर बीमारी के चलते 60 वर्षीय जोगिंदर सिंह का काफी दिनों से इलाज चल रहा था। जोगिंदर सिंह लुधियाना जिले से करीब 45 किलोमीटर दूर पड़ती तहसील जगराओं के गांव के रहने वाले थे, जिनका आज सुबह निधन हो गया।

अस्पताल ने शव की पैकिंग खोलने से किया था मना

मृतक जोगिंदर सिंह के बेटे जसवंत सिंह ने बताया कि आज सुबह अपने पिता की मौत के बाद उन्होंने अस्पताल का बकाया खड़ा बिल जमा करवाने के बाद जब अपने पिता की लाश मांगी, तो पहले तो अस्पताल वाले उनके इधर-उधर चक्कर कटवाते रहे। इसके बाद उन्होंने उनके पिता की जगह किसी बुजुर्ग महिला की लाश उन्हें सौंप दी। उस वक्त शव को इस वजह से चेक नहीं किया क्योंकि अस्पताल वालों ने उन्हें यह बोल रखा था कि उन्होंने मृतक के शव पर इंफेक्शन की वजह से एक खास तरह का मेडिकल केमिकल लगाया है और वो उनकी पैक किए गए शव को बिल्कुल भी न खोले और उसका ऐसे ही दाह संस्कार कर दे।

बेटी ने पिता का चेहरा देखने की कर ली जिद

उनके परिवार को इस बात का पता तब चला जब शव को घर लाकर पूरा परिवार अंतिम संस्कार की तैयारियों में लगा हुआ था और मृतक की बेटी ने अपने पिता का आखिरी बार चेहरा देखने की जिद पकड़ ली। बहन के बार-बार कहने पर जब मृतक के बेटे ने चेहरे से कपड़ा हटाया तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई।  पूरा परिवार दंग रह गया कि यह उनके पिता की लाश नहीं, बल्कि किसी महिला की लाश है। उन्होंने इसे अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही बताया।

जब बुजुर्ग महिला का शव लेने आया बेटा

उन्होंने बताया कि जब इस संबंध में उन्होंने अस्पताल के लोगों और एम्बुलेंस चालक से बात की, तो पहले तो वो अपनी किसी भी गलती को मान ही नहीं रहे थे फ़िर अंत में उन्होंने भी इसको लेकर अपनी हैरानी जताई। बाद में उन्होंने उसी एम्बुलेंस के माध्यम से महिला का शव वापस मंगवाते हुए उनके पिता की लाश उनके घर पहुंचाई। उस समय जिस बुजुर्ग महिला की लाश उनके घर पड़ी थी, उस मृतक महिला का बेटा भी मौके पर एम्बुलेंस के साथ ही आया और शव को बदलते हुए उसने भी इसे अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही बताया और वहां से चला गया। हालांकि जब इस पूरे मामले को लेकर संबंधित अस्पताल प्रशासन से मीडिया ने बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर आकर कुछ भी बोलने से साफ़ इनकार कर दिया।

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