लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने वक्फ विधेयक को लेकर अपना समर्थन किया और मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि इस कानून से समुदाय की संपत्तियों, मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों या कब्रिस्तानों को कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह विधेयक अधिकार देने के लिए है, उन्हें छीनने के लिए नहीं।” उन्होंने उन दावों का खंडन किया, जिसमें कहा गया कि इस विधेयक से मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचेगा।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विधेयक पारित होने के बाद बोलते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया और इस कदम के लिए जनता को बधाई दी।
उन्होंने कहा, “मैं मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वक्फ संशोधन विधेयक से कोई खतरा नहीं है – न तो मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों और न ही कब्रिस्तानों को। असली खतरा वक्फ भू-माफियाओं को है, जिन्होंने करोड़ों रुपये की संपत्ति लूट ली है और वक्फ के वास्तविक उद्देश्य के खिलाफ काम किया है।”
उन्होंने समुदाय से विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से परहेज करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि संशोधन उनके लाभ के लिए बनाया गया है।
रज़वी ने राजनीतिक गलत सूचनाओं के खिलाफ भी चेतावनी दी और जनता से अफवाहों से गुमराह न होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मैं मुसलमानों से राजनीतिक एजेंडों से प्रभावित न होने और विधेयक के बारे में फैलाई जा रही झूठी कहानियों पर ध्यान न देने की अपील करता हूं।”
यद्यपि कुछ धार्मिक नेताओं ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का समर्थन किया है, लेकिन समुदाय के भीतर असहमति के स्वरों ने चिंता जताई है, आरोप लगाया है कि यह विधेयक मुस्लिम अधिकारों को कमजोर करता है और इसे हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बिना पारित किया गया है।