रानी मुखर्जी के साथ नजर आ रहा ये हीरो है सबसे खूंखार विलेन का बेटा, 27 साल बाद हूबहू लगते हैं पापा की कॉपी

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रानी मुखर्जी के साथ नजर आ रहा ये हीरो है सबसे खूंखार विलेन का बेटा, 27 साल बाद हूबहू लगते हैं पापा की कॉपी

कौन है रानी मुखर्जी-दिव्या दत्ता के साथ नजर आ रहा ये हीरो? बॉलीवुड में नेपोटिज्म की चर्चा पिछले कुछ सालों में काफी तेज हुई है। जब भी कोई नया स्टारकिड डेब्यू करता है, चर्चा फिर जोर पकड़ लेती है। बड़े फिल्मी परिवार या एक्टर के घर से ताल्लुक रखने वाले स्टारकिड्स को अक्सर बड़े बैनर लॉन्च करते हैं। पिछले कुछ सालों में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है। जाह्नवी कपूर, खुशी कपूर से लेकर इब्राहिम अली खान जैसे कुछ बड़े स्टारकिड्स ने अपना एक्टिंग डेब्यू किया लेकिन, ज्यादातर स्टारकिड फ्लॉप ही रहे। हालांकि, स्टारकिड्स की फिल्मों में एंट्री कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई स्टारकिड फिल्मों में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, जिनमें से कुछ आज भी बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं तो कुछ फिल्मों से छूमंतर हो चुके हैं। इस ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में रानी मुखर्जी और दिव्या दत्ता के साथ नजर आ रहा ये हीरो भी एक बड़े और खूंखार विलेन का बेटा है, जिसने 1997 में अपना डेब्यू किया था, जो 6 फिल्में करने के बाद ही फिल्मी दुनिया से गायब हो गए।

खूंखार विलेन का बेटा है ये हीरो

इस हीरो ने अपने पिता के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए फिल्मी दुनिया में कदम जमाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर इन्होंने फिल्मों से दूर जाना ही बेहतर समझा। रानी मुखर्जी के साथ नजर आ रहा ये हीरो कोई और नहीं बल्कि 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ के खूंखार विलेन ‘गब्बर’ यानी अमजद खान के बेटे शादाब खान हैं, जिन्होंने 1997 में रिलीज हुई ‘राजा की आएगी बारात’ से बतौर लीड एक्टर बॉलीवुड डेब्यू किया था। इस फिल्म में वह रानी मुखर्जी के साथ नजर आए थे।

प्यारी भाभी से किया था डेब्यू

हालांकि, ‘राजा की आएगी बारात’ शादाब खान की पहली फिल्म नहीं थी। उन्होंने ‘प्यारी भाभी’ (1985) से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद वह राजा की आएगी बारात में दिखाई दिए, जिसकी हीरोइन रानी मुखर्जी थीं। लेकिन, ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमान दिखाने में असफल रही। इस फिल्म के बाद शादाब कुछ अन्य फिल्मों में दिखाई दिए।

इन फिल्मों में किया काम

राजा की आएगी बारात के बाद शादाब बेताबी (1997), हे राम (2000), रिफ्यूजी (2000) और भारत भाग्य विधाता (2002) जैसी फिल्मों में नजर आए और इसके बाद फिल्मी दुनिया से गायब हो गए। उन्होंने अपने 5 साल के करियर में कुल 6 फिल्मों में काम किया और फिर लाइमलाइट से दूर का फैसला कर लिया। एक्टिंग से दूरी बनाने के बाद शादाब ने लेखन और निर्देशन में अपना हाथ आजमाया। उन्होंने मर्डर और शांति मेमोरियल जैसे उपन्यास लिखे हैं और कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है।  शादाब खान ने 2005 में रुमाना चावा से शादी की है। वहीं सालों बाद अब जब भी शादाब को कोई देखता है तो उसे दिवंगत अभिनेता अमजद खान की याद आ जाती है। शादाब हूबहू अपने पिता की तरह दिखने लगे हैं।

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