मुंबई: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर मुंबई की लोकल ट्रेनों के फर्जी टिकट बनाकर यात्रा करने वालों पर सेंट्रल रेलवे ने कड़ा एक्शन लिया है। इस धोखाधड़ी के मामले में रेलवे ने अब तक चार FIR दर्ज कराई हैं।
UTS ऐप का हो रहा दुरुपयोग
मुंबई की लोकल ट्रेनों में टिकट निकालने के लिए रेलवे की ओर से UTS (Unreserved Ticketing System) नाम के एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से आसानी से टिकट निकाला जा सकता है। हालांकि, हाल ही में टिकट कलेक्टरों (TCs) ने यह नोटिस किया कि कुछ यात्री AI और फोटोशॉप एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर फर्जी टिकट जनरेट कर रहे हैं।
5 साल की जेल, करियर को खतरा
इस पूरे प्रकरण पर सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) स्वप्निल नीला ने इंडिया टीवी से बात करते हुए बताया, “अगर किसी व्यक्ति पर इस मामले में केस दर्ज होता है, तो ऐसे में 5 साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। पुलिस रिकॉर्ड में नाम आने की वजह से उस व्यक्ति के करियर को भी बड़ा खतरा हो सकता है।”
रेलवे ने लोगों से की अपील
रेलवे ने नोटिस किया कि जिन लोगों को पकड़ा गया, वह सभी अच्छे परिवार और अच्छी एवं बड़ी कंपनियों में काम करते हैं। इनमें कुछ विद्यार्थी भी हैं, इसलिए रेलवे ने लोगों से अपील की है कि कोई भी इस प्रकार के धोखाधड़ी का हिस्सा ना बने।
सेंट्रल रेलवे से जुड़े टिकट कलेक्टर प्रशांत कांबले ने नकली और असली टिकट का फर्क समझते हुए कहा है कि किसी को भी इस तरीके से सरकारी संस्था को धोखा नहीं देना चाहिए।

