UP: किडनी खराब होने की रफ्तार रोकेगा खास तरह का एप, करीब दो लाख मरीजों के लिए साबित होगा वरदान

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UP: किडनी खराब होने की रफ्तार रोकेगा खास तरह का एप, करीब दो लाख मरीजों के लिए साबित होगा वरदान

उत्तर प्रदेश के किडनी मरीजों के लिए अच्छी खबर है। राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ किडनी विशेषज्ञ एक ऐसा टेलीमॉनीटरिंग एप लेकर आ रहे हैं, जो उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) और दवाओं में लापरवाही के कारण क्षतिग्रस्त हो रही किडनी के लिए वरदान साबित होगा।

एप विकसित कर रहे लोहिया संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अभिलाष चंद्रा का कहना है कि उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण है। क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित 65-85% मरीजों में हाई बीपी की समस्या देखी जाती है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप गुर्दे की नसों को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा दवाओं के गलत डोज या अनियमित सेवन से भी गुर्दे की खराबी की रफ्तार बढ़ जाती है।

बेखबरी में बड़ी हो जाती है बीमारी

लंबे समय तक उच्च रक्तचाप, समय पर डायग्नोसिस और उचित इलाज न मिलने से गुर्दे तेजी से खराब हो जाते हैं। राजधानी के दो हालिया मामले इसके उदाहरण हैं।

केस – 1: महानगर के 38 वर्षीय गोपालकृष्ण को कई वर्षों से उच्च रक्तचाप था। इलाज और परहेज से बचते रहने के कारण उनके दोनों गुर्दे खराब हो गए। अब उन्हें सप्ताह में दो बार डायलिसिस करानी पड़ती है।

केस – 2:  ऐशबाग की 35 वर्षीय शगुफ्ता ने घुटनों के दर्द के लिए लंबे समय तक बिना चिकित्सकीय परामर्श दर्द निवारक दवाएं लीं। दवाओं के दुष्प्रभाव से दोनों किडनी खराब हो गई।

एप ऐसे करेगा काम

डॉ. अभिलाष के अनुसार, इस टेलीमॉनीटरिंग एप का विकास 500 मरीजों पर शोध और ट्रायल के साथ किया जा रहा है। एप से मरीजों के रक्तचाप और दवाओं की डोज का नियमित अपडेट लिया जाएगा। इसके बाद किडनी रोग विशेषज्ञ और एआई तकनीक की मदद से मरीजों को दवा और सही डोज के बारे में रियल टाइम में परामर्श दिया जाएगा। इससे गुर्दे की खराबी की गति को धीमा किया जा सकेगा। यदि ट्रायल सफल रहा, तो पूरे प्रदेश में टेलीमॉनिटरिंग कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा और सभी अस्पतालों को एप से जोड़ा जाएगा।

किडनी की देखभाल ऐसे करें
– दर्दनिवारक दवाओं का अनावश्यक सेवन न करें।
– शराब और नमक का अधिक सेवन गुर्दे के लिए हानिकारक।
– लंबे समय तक बुखार की अनदेखी से किडनी में सूजन का खतरा बढ़ता है।
– स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी, योग और व्यायाम से गुर्दे को स्वस्थ रखा जा सकता है। 

.90 लाख मरीजों के लिए साबित होगा वरदान
– यूपी में प्रति दस लाख आबादी पर 800 गुर्दे के मरीज, कुल लगभग 1.90 लाख मरीज।
– देश में 14% महिलाएं और 12% पुरुष गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं।

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